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यूरिया खाद संकट: जबेरा के किसान सड़कों पर उतरने को हुए मजबूर , 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया

///सिंग्रामपुर/// जबेरा (दमोह) तहसील जबेरा के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत के चलते किसानों की परेशानी चरम पर पहुँच गई है। स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि किसान संगठनों ने प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम जारी करते हुए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे दी है। किसानों का कहना है कि यदि आगामी 10 अगस्त तक खाद उपलब्ध नहीं कराई गई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। जबेरा स्थित बेयर हाउस में इस समय यूरिया खाद का कोई स्टॉक नहीं है, जबकि खरीफ फसल को बचाने के लिए खाद की तत्काल आवश्यकता है। खेतों में फसलें सूखने की कगार पर हैं। किसानों ने गंभीर आरोप लगाया है कि जब पूर्व में बेयर हाउस में खाद उपलब्ध था, तब वहां के प्रबंधक और कर्मचारियों द्वारा खाद सीधे व्यापारियों को बेची गई, न कि वास्तविक किसानों को। व्यापारी अब यही खाद ₹600 से ₹700 प्रति बोरी तक में खुलेआम बेच रहे हैं, जबकि इसकी सरकारी दर ₹300 निर्धारित है। चौपरा एवं बनवार क्षेत्र में यह कालाबाजारी सबसे अधिक देखी जा रही है।
कई किसान घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद खाली हाथ लौट रहे हैं। खेतों में समय पर खाद न मिलने से फसलें खराब हो रही हैं और किसान आर्थिक तंगी के जाल में फँसते जा रहे हैं। किसानों की चार प्रमुख मांगें 72 घंटे के भीतर खाद की आपूर्ति सभी पंजीकृत किसानों को रकबे के अनुसार की जाए। खाद की कालाबाजारी में शामिल बेयर हाउस कर्मचारियों व व्यापारियों पर कठोर कार्यवाही हो। भविष्य में खाद का वितरण केवल पंजीकृत किसानों को किया जाए, व्यापारियों को नहीं।
खाद वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और निगरानी तंत्र की स्थापना की जाए। भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने स्पष्ट किया है कि यदि 10 अगस्त 2025 तक खाद की आपूर्ति नहीं की गई, तो हजारों किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। आंदोलन की चेतावनी दी है कि आंदोलन की स्थिति में यदि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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