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मध्य प्रदेश विधानसभा भंग नहीं मिला माझी का जवाब

मध्य प्रदेश की राज्य सरकार का विधानसभा सत्र बहुत जल्दी समाप्त कर दिया गया जबकि हमारे समाज के संदर्भ में संवैधानिक आधार पर माननीय डॉक्टर हीरालाल जी अलावा विधायक महोदय द्वारा मध्य प्रदेश की विधानसभा में दो प्रश्न लगाए गए थे डॉक्टर हीरालाल जी अलावा ने मध्य प्रदेश की राज्य सरकार के जनजाति विकास मंत्रालय के मंत्री जी से यह पूछा है कि मध्य प्रदेश राज्य में माझी जनजाति के लोग कौन है और संवैधानिक आधार पर वर्ष 2023 में जो प्रश्न लगाया गया था भारतीय संविधान अधिनियम 1950 अनुच्छेद 342 के अंतर्गत विंध्य क्षेत्र के चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश की विधानसभा में प्रश्न का उत्तर देना चाहिए था परंतु भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने जो जवाब 7 अगस्त 2025 और 8 अगस्त 2025 को देना चाहिए था परंतु विधानसभा ही भंग कर दी गई विधानसभा सत्र समाप्त कर दिया गया यह है आदिवासियों के आरक्षण के साथ अन्याय और अत्याचार जबकि 9 अगस्त 2025 को विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन है और मध्य प्रदेश की राज्य सरकार माझी जनजाति समुदाय के साथ न्याय नहीं कर रही है भारत के मूल निवासी हम हैं निषाद बंसी आदिवासी जनजाति समाज के माझी जनजाति को केंद्रीय भारत सरकार और मध्य प्रदेश राज्य की सरकार ने अनुसूचित जनजाति की सूची में अधिसूचित किया गया है परंतु माझी जनजाति के छात्र-छात्राओं को अनुसूचित जनजाति की छात्रवृत्ति और जाति प्रमाण पत्र भी प्रधान नहीं किया जा रहे हैं भारतीय जनता पार्टी आदिवासियों के साथ न्याय नहीं कर रही है जय माझी जय निषाद जय केवट जय आदिवासी जय जोहार जय जल देव जागो जागो जागो मांझी जनजाति के समाज सेवकों को अब जाग जाना चाहिए और 9 अगस्त 2025 को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में अपने-अपने शहरों से अपने-अपने जिलों से अपनी-अपनी तहसीलों से आदिवासी दिवस के उपलक्ष में मांझी जनजाति को मध्य प्रदेश की राज्य सरकार संवैधानिक अधिकार प्रदान करें क्योंकि विधानसभा का सत्र समाप्त कर दिया गया है
उमाशंकर इंदौर की कलम से

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