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संयोग या कुदरत का करिश्मा? : प्रेमी कारू का शव उतारते ही गाड़ी बंद, जैसे मरने के बाद भी साथ छोड़ने को तैयार नहीं थे दोनों

मेदिनीनगर :- यह एक संयोग था या कुदरत का करिश्मा—यह कहना मुश्किल है, लेकिन घटना ने पूरे क्षेत्र को भावुक और हैरान कर दिया। प्रेमी युगल की हत्या के बाद जब शवों को पोस्टमार्टम के लिए रांची रिम्स ले जाया गया और फिर वापस गांव लाया गया, तब एक रहस्यमय घटनाक्रम सामने आया। जैसे ही प्रेमी सुभाष कुमार उर्फ कारू सिंह का शव गाड़ी से उतारा गया, प्रेमिका विभा कुमारी का शव ले जा रही गाड़ी अचानक बंद हो गई। तमाम प्रयासों और पूरी रात की मरम्मत के बाद भी वह स्टार्ट नहीं हुई। अंततः शव को पुलिस वैन से घर तक पहुंचाया गया।

गाड़ी की रहस्यमयी खराबी बनी चर्चा का विषय
गाड़ी की यह रहस्यमयी खराबी पूरे तरहसी प्रखंड में नहीं बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी रही। लोगों ने इसे संयोग बताया तो कुछ ने इसे ‘प्रेम का अंतिम प्रमाण’ करार दिया। प्रेमी के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार देर रात कर दिया गया, जबकि प्रेमिका का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह हुआ।

प्रेम कहानी, जो मौत पर खत्म हुई
प्रेमी-प्रेमिका की यह दर्दनाक कहानी थाना क्षेत्र के टरिया गांव की है। सुभाष कुमार उर्फ कारू सिंह, जो भंडरा का निवासी था, और विभा कुमारी, जो पूर्णी टरिया की रहने वाली थी, के बीच पिछले दो महीनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों की मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी। विभा के परिजन इस रिश्ते से सहमत थे और उसकी शादी चतरा में तय हो चुकी थी। लेकिन सुभाष शादी को लेकर तैयार नहीं था। इसके बावजूद दोनों का प्रेम संबंध जारी रहा।

ऑनर किलिंग की पुष्टि, लड़की के परिवार के 4 सदस्य गिरफ्तार
1 अगस्त की रात दोनों की हत्या कर शवों को टरिया गांव के एक कुएं में फेंक दिया गया। शव बरामद होने के बाद तरहसी पुलिस ने उन्हें कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच भेजा, परंतु डिकंपोज हो चुके शवों को रांची रिम्स रेफर किया गया। पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार शाम 7:30 बजे शवों को तरहसी लाया गया।

घटना की जांच में पुलिस ने ऑनर किलिंग की पुष्टि करते हुए विभा कुमारी के पिता उपेन्द्र महतो, मां कलावती देवी, चाचा जनेश्वर महतो और चाचा विमलेश महतो उर्फ राजेश महतो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

जनमानस में उठ रहे सवाल
प्रेमी के शव के गाड़ी से उतरते ही प्रेमिका के शव वाली गाड़ी का बंद हो जाना, न चालू होना, और फिर टोचन से हटाना—इन सबने लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया है। यह एक इत्तफाक था या कुदरत का कोई संदेश—इस पर हर कोई अपनी-अपनी राय दे रहे है।

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