माझी जनजाति समाज विरोधी फिर हुए सक्रिय
2 दिन से वर्ष 1977 का जबलपुर जिले का एक ज्ञापन सोशल मीडिया में ग्रुप में घूम रहा है किंतु जिस तरह से इसे वायरल किया जा रहा है इस पर सवाल उठ रहे हैं । दरअसल मध्यप्रदेश में वर्ष 1976 से संपूर्ण जिलों में माझी जनजाति को मान्यता प्रदान की गई थी इसके पूर्व केवल 8 जिलों में मान्य थी जिसके अंतर्गत ढीमर,भोई, केवट,मल्लाह आदि समाहित थे और यह बात वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक डॉक्टर श्री हीरालाल अलावा के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने लिखित में दी है । अब ऐसे समय में 1977 का यह ज्ञापन जिस तरह से वायरल किया जा रहा है इससे लगता है कि एक बार फिर समाज को उलझने की कोशिश समाज के कुछ लोगों द्वारा की जा रही है । दरअसल जब माझी जनजाति की बात आती है तब 1950 में माझी केवल विंध्य प्रदेश में ही जनजाति के रूप में अधिसूचित की गई थी शेष मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों में जिन में सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार स्टेट, भोपाल स्टेट, मध्य प्रांत आदि में माझी जाति जनजाति के रूप में अधिसूचित नहीं थी । ऐसे में अगर इस तरह से यह पुराने ज्ञापन को वायरल किया जा रहा है तो यह कहीं ना कहीं समाज विरोधी साजिश रची जा रही है ।