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मकराना राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी दी लोगों को

माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता व अध्यक्ष, ताल्लुका विधिक सेवा समिति के निर्देशानुसार विधिक सेवा समिति के पेनल अधिवक्ता श्री तलत हुसैन हनीफी के द्वारा मंगलाना रोड़, आदर्श नगर, पुलिस थाना के पास मकराना में विश्व आदिवासी दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस अवसर पर पेनल अधिवक्ता हनीफी ने आमजन जनता को कहा कि विश्व आदिवासी दिवस हर वर्ष 09 अगस्त को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस बार विश्व आदिवासी दिवस को ‘आदिवासी लोगों का आत्मनिर्णय का अधिकार खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता का मार्ग’ की थीम पर मनाया जा रहा है। जो आदिवासी मुद्दों और उनके सशक्तिकरण के वैश्विक एजेंडे को दर्शाता है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ‘‘आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवाएं योजना, 2015’’, जनजातीय समुदायों के कानूनी अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए बनाई गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना, कानूनी सहायता प्रदान करना और उनके अधिकारों के उल्लंघन को रोकना है।
-ः योजना के मुख्य बिंदूः-
जागरूकताः- जनजातीय लोगों को उनके कानूनी अधिकारों (भूमि, वन एवं सामाजिक-आर्थिक) के बारे में शिक्षित करना।
कानूनी सहायताः- जरूरतमंद जनजातीय लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह, प्रतिनिधित्व और सहायता प्रदान करना।
अधिकारों का संरक्षणः- जनजातीय समुदायों के अधिकारों के उल्लंघन को रोकना, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना।
विवादों का समाधान:- जनजातीय समुदायों के कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना।
योजना का क्रियान्वयनः- यह योजना राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जाती है, जिसमें राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भी शामिल हैं।
योजना का महत्व:- यह योजना जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि जनजातीय लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित न किया जाए और वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
आदिवासी लोग मानवता की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक हैं, जिनकी परंपराएँ, भाषाएँ और ज्ञान प्रणालियाँ पीढ़ियों से चली आ रही हैं। वे जैव विविधता के संरक्षक हैं, प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हैं और पृथ्वी के नाज़ुक पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखते हैं। 9 अगस्त, 2025 को, दुनिया एक बार फिर विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए एकजुट होगी, जो दुनिया भर के आदिवासी समुदायों के लचीलेपन, योगदान और अधिकारों के सम्मान के लिए समर्पित है। विश्व आदिवासी दिवस 2025 के अवसर पर, यह ज़रूरी है कि हम इस उत्सव को सम्मान और आदिवासी संस्कृतियों को समझने व उनका सम्मान करने की सच्ची इच्छा के साथ मनाएँ। इन पहलों में भाग लेकर और खुद को शिक्षित करके, हम एक ऐसे विश्व में योगदान दे सकते हैं जो विविधता को महत्व देता है, समानता को बढ़ावा देता है, और आदिवासी समुदायों द्वारा प्रदान किए गए गहन ज्ञान को स्वीकार करता है। आइए, आदिवासी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हों, यह सुनिश्चित करें कि उनकी आवाज़ सुनी जाए, उनके अधिकारों की रक्षा की जाए और उनकी संस्कृतियों का सम्मान किया जाए। तथा पेनल अधिवक्ता हनीफी ने नालसा, नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, नालसा, तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 की विधिक जानकारी दी, तथा 13 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत है कि भी जानकारी दी

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