
सहयोग सामाजिक संस्था ने किया श्रावण पूर्णिमा पर 65वें सामूहिक सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन
मेरठ - सहयोग सामाजिक संस्था द्वारा श्रावण पूर्णिमा पर 65वें सामूहिक सुंदर काण्ड का पाठ ब्रह्मपुरी में किया गया।जिसका शुभारंभ श्रीमती रश्मि जैन और विपिन कुमार जैन ने संयुक्त रूप से हनुमान जी की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित और पुष्प माला अर्पित कर किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के मुख्य संरक्षक डॉ प्रेम कुमार शर्मा ने श्रावण पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि सावन पूर्णिमा को इसलिए खास माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के साथ साथ भगवान शिव की जाती है ।
उन्होंने आगे कहा कि इस दिन भाई बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है । प्राचीन काल में इस दिन राज पुरोहित राजाओं को रक्षा सूत्र बांधते थे। कालांतर में यह भाई द्वारा बहनों की रक्षा के वचन का पर्व बन गया।
संस्था अध्यक्ष दिनेश कुमार शांडिल्य एडवोकेट ने बताया कि सावन पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन ब्राह्मण पुराना जनेऊ उतार कर नया जनेऊ धारण करते हैं,जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्राचीन काल में गुरु कुल में ने विद्यार्थियों का प्रवेश और ने शिक्षा सत्र का आरंभ श्रावणी पूर्णिमा से होता था ।
इसके बाद संस्था के संरक्षक सत्य पाल दत्त शर्मा ने स्वर सुंदर काण्ड का पाठ कराते हुए कहा कि सुंदर काण्ड शरणागति का कांड है , इसमें प्रभु राम कहते हैं कि जो मेरी शरण में आता है उसकी मैं प्राणों की तरह रक्षा करता हूं। इसलिए हमें अपने को प्रभु के चरणों में समर्पित कर निर्मल
मन से भक्ति करनी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा हर महीने पूर्णिमा पर निःशुल्क सुंदर काण्ड पाठ किया जाता है। जिसमें न कोई चढ़ावा लिया जाता है ना ही खर्चा। कोई भी पाठ करा सकता है।