
खेल हो या पढ़ाई एकाग्रता जरूरी है_गीता देवी
हरहुआ वाराणसी। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समुचित शिक्षा और खेल एक अनिवार्य शर्त है। इसके बिना उनमें बौद्धिक और शारीरिक विकास की संकल्पना संभव नहीं है। इसलिए बच्चों के मध्य समुदाय स्तर पर शैक्षिक और खेल से जुड़ी प्रतियोगिताएं नियमित तौर पर आयोजित किए जाने की जरूरत है। ये बातें आज दिनांक 10 अगस्त 2025 को ग्राम पंचायत पुआरी कला वाराणसी में आयोजित 80वीं अक्षरमाला प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अक्षरमाला फाउंडेशन की प्रधान न्यासी श्रीमती गीता देवी ने कही।
अन्य वक्ता के रूप में अक्षरमाला साथी श्री रामकरन राजभर ने अभिवावकों से बच्चों के दिनचर्या में दो घंटा पढ़ाई और दो घंटा खेल को शामिल करने पर बल दिया।
इसके पूर्व कुल उपस्थित 35 बच्चों के मध्य छः टीमों का गठन किया गया। जिनका नाम बच्चों ने आपसी विमर्श से क्रमशः शिवा, तूफान, RCB, MI और सुपर टीम रखा।
प्रत्येक टीम को कुल 35 मौके दिए गए और गेंद से दूर रखे गिलास को निशाना लगाने का लक्ष्य दिया गया। जिसमें सर्वाधिक 17 स्कोर MI टीम ने किया। जिसे विजेता घोषित किया गया। इसके अलावा सभी बच्चों में से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर करने करने पर प्रिंस राजभर, शिवा राजभर, रितेश राजभर, प्रियांशु राजभर और मिथिलेश को अक्षरमाला विजेता पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में श्याम राजभर, सहेंद्र राजभर, बृजेश राजभर आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आदित्य राजभर ने किया।