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थैलेसीमिया योद्धाओं की प्रेरणा बनीं झरना मालिक, इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट 2025 में ब्रांड एंबेसडर नियुक्त

दिल्ली। जन्म से ही थैलेसीमिया मेजर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही और 85% स्थायी दिव्यांगता के साथ जीवन जी रही ओडिशा की बेटी, सामाजिक कार्यकर्ता झरना मालिक को इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट 2025 में थैलेसीमिया श्रेणी का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। यह सम्मान उन्हें देशभर में थैलेसीमिया और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए किए गए अथक प्रयासों और निरंतर संघर्ष के परिणामस्वरूप मिला है। यह अंतरराष्ट्रीय महोत्सव भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, गोवा सरकार के दिव्यांगजन आयुक्त कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र भारत के सहयोग से आयोजित होगा, जिसमें लगभग 40 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। झरना मालिक का जीवन संघर्ष, साहस और सेवा की मिसाल है। जन्म से ही थैलेसीमिया मेजर से पीड़ित होने के कारण उन्हें हर महीने नियमित रूप से रक्त चढ़ाना पड़ता है। आर्थिक, सामाजिक और मानसिक कठिनाइयों से भरी इस यात्रा में उन्होंने कभी हार नहीं मानी। कोविड-19 महामारी के दौरान, बेहतर इलाज के लिए वे अकेले दिल्ली आईं। यहां उन्होंने न केवल अपनी नौकरी और इलाज का प्रबंधन किया, बल्कि देशभर के थैलेसीमिया मरीजों के लिए रक्त की उपलब्धता, दवाइयों की व्यवस्था, आर्थिक सहायता और मानसिक सहयोग सुनिश्चित करने में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वर्तमान में झरना सर्वेशं मंगलम् फाउंडेशन की निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और अब तक कई रक्तदान शिविर, जनजागरूकता अभियान और रोगी सहायता कार्यक्रम चला चुकी हैं। उनका विशेष ध्यान उन ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर रहता है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहद सीमित है। इसके अलावा वे थैलेसीमिया डिसएबल्ड एंड वॉरियर्स संस्था की संस्थापक और ट्रस्टी हैं तथा थैलेसीमिया पेशेंट एडवोकेसी ग्रुप ऑफ इंडिया की सक्रिय सदस्य भी हैं। वर्ष 2016 में झरना ने ओडिशा का प्रतिनिधित्व करते हुए विकलांगता अधिकार अधिनियम (RPwD Act 2016) में थैलेसीमिया को “विशिष्ट विकलांगता” के रूप में शामिल करवाने के राष्ट्रीय अभियान में अहम योगदान दिया। इसके परिणामस्वरूप थैलेसीमिया मरीजों को शिक्षा, नौकरी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कानूनी संरक्षण प्राप्त हुआ। उनके नामांकन में क्लिंग भारती फाउंडेशन का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसने दिल्ली में अप्रवासी ओडिया समुदाय के लिए उनकी सेवाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का सुझाव दिया। पर्पल फेस्ट की राष्ट्रीय टीम ने पारदर्शी प्रक्रिया के तहत उनका चयन किया, जो उनके समर्पण और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवांशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता और मरीज को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। यह रोग शारीरिक, मानसिक और आर्थिक—तीनों स्तरों पर प्रभावित करता है। झरना का मानना है कि ब्रांड एंबेसडर के रूप में यह अवसर सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उन सभी थैलेसीमिया योद्धाओं की आवाज़ है, जो अपने संघर्षों को चुपचाप सहते हुए आगे बढ़ते हैं। उनका सपना है एक थैलेसीमिया-मुक्त भारत का निर्माण, जहां इस रोग से पीड़ित लोग भी आत्मनिर्भर, सम्मानजनक और सामान्य जीवन जी सकें। झरना मालिक का जीवन आज हजारों रोगियों के लिए उम्मीद की किरण और प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

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