logo

"जय हो बमोली शिवालय" – राकेश टम्टा का नया भजन, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम

पौड़ी गढ़वाल। पहाड़ की सुरम्य वादियों में गूंजने वाली भक्ति की मधुर धुनों में एक और नया सुर जुड़ गया है। बमोली गाँव के सुपुत्र व प्रसिद्ध लोकगायक राकेश टम्टा ने अपने ताज़ा भजन "जय हो बमोली शिवालय" के जरिए एक बार फिर श्रोताओं के दिलों को छू लिया है। इस भजन में उन्होंने बमोली गाँव में स्थित प्राचीन शिवालय का भावपूर्ण वर्णन अपनी मीठी व मधुर आवाज़ में किया है।

राकेश टम्टा, जो पहले भी "जय नागदेव गढ़ी" और "जय हो भेरों बाबा" जैसे भजनों से पहाड़ के कोने-कोने में लोकप्रिय हो चुके हैं, ने इस बार अपने गाँव की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुरों में पिरोया है। भजन में शिवालय की आध्यात्मिक महिमा, मंदिर परिसर का प्राकृतिक सौंदर्य और यहाँ की धार्मिक परंपराओं का बारीकी से चित्रण किया गया है।

गाँव के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि यह भजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रबल करता है, बल्कि गाँव की पहचान को भी दूर-दूर तक पहुँचाता है। सोशल मीडिया और यूट्यूब पर भी यह गीत तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है और पहाड़ी श्रोताओं के साथ-साथ बाहरी क्षेत्रों के लोग भी इसे सराह रहे हैं।

राकेश टम्टा का कहना है कि उनका उद्देश्य अपने गीतों के माध्यम से पहाड़ की संस्कृति, आस्था और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा, "बमोली शिवालय सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि हमारे गाँव की आत्मा है। इस भजन के जरिए मैं इसकी महिमा हर दिल तक पहुँचाना चाहता हूँ।"

भजन के रिलीज़ होते ही बमोली गाँव के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और लोग इसे सुनकर भाव-विभोर हो गए। आने वाले समय में यह भजन पहाड़ी भक्ति संगीत की लिस्ट में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ने वाला है।

— रिपोर्ट: ऑपरेशन ज़मीनी सच

https://youtu.be/IuDTZDx2Es0?si=AlkdQxBrFob6EA2E

*भजन - जय हो बमोली शिवालय

210
11943 views