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*रेल्वे टीसी पर महिला अधिवक्ता से छेड़छाड़, गाली-गलौज, एवं आरक्षक पति से अभद्रता के लगे आरोप

*रेल्वे टीसी पर महिला अधिवक्ता से छेड़छाड़, गाली-गलौज, एवं आरक्षक पति से अभद्रता के लगे आरोप।*

(*पत्रकार पुष्पेंद्र तिवारी )
9753452478

की गुहार। छतरपुर पुलिस ने उल्टा पति पर ही किया मामला दर्ज, पीड़िता ने लगाई न्याय

छतरपुर रेलवे स्टेशन पर बीते 30 जुलाई को महामना ट्रेन से उतरी एक महिला पैसेंजर से एक रेलवे टीसी द्वारा टिकेट दिखाने के बहाने हांथ पकड़कर अभद्रता की और गाली गलौज कर दी, जबकि अधिवक्ता महिला यात्री के पास वैध टिकट भी था, जब पीड़ित महिला का पति उसे लेने पहुंचा तो उसके साथ भी गाली-गलौज कर रेलवे स्टाफ के द्वारा अभद्रता की गई, जिस पर पत्नी से की निष्पक्ष जांच कर न्याय की गुहार लगाई है। छेड़छाड़ होती देख पति हुआ आगबबूला हुई तीखी बहस, और उसका ही वीडियो बनाकर शोसल मीडिया पर वायरल कर झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। जिसकी पीड़ित महिला अधिवक्ता ने एसपी सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर मामले

*पदस्थ है, जिसने एसपी को दिए आवेदन में आरोप लगाते हुए बताया कि वह गौरतलब है कि 30 जुलाई को भोपाल से चलकर खजुराहो जाने बाली महामना एक्सप्रेस ट्रेन से टीकमगढ़ निवासी एक महिला अधिवक्ता मिथलेश रजक जिनके पति छतरपुर जिले में पुलिस विभाग में अपने दो साल के बच्चे के साथ अपने कोर्ट के काम*

और पति की ओ.सी.ड़ी. की दबाई देने छतरपुर पहुंची थी, जिसके मोबाइल में यात्रा का टिकट भी था, जैसे ही वह टिकट काउंटर के पास पहुंची और अपने दो साल के बच्चे को छोड़ा तो वह दौड़कर बाहर भागने लगा, जिसे पकड़ने जब महिला दौड़ी तो रेलवे टीसी संदीप तिवारी ने महिला अधिवक्ता का

टिकट माँगने के वहाने बुरी नियत से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला "कहां भाग रही हैं मैने कहा हाथ छोड़ो मेरे मोबाईल में टिकट हैं, जिसका पी. एन. आर. नं. 8336023232 था। फिर भी टीसी संदीप तिवारी शारीरिक उत्पीड़न एवं छेड़छाड़ कर मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लगा, इतने में मेरे पति मुझे लेने आ रहे थे, जिन्हें मैंने आवाज दी तो वो दौड़ के आये और उन्होने कहा सर क्यो बत्तामीची कर रहे हो, हम स्टाफ के हैं यही लोकल में पदस्थ हैं। तो टीसी संदीप

*तिवारी ने मेरे पति को भी बुरी मां वहिन की गालियां देने और तू कोई भी स्टाफ हो, अब तू अपना प्लेटफार्म दिखा तो मेरे पति बोले कि में आपके प्लैटफार्म पर नही नीचे खड़ा हूं, मैं तो बच्चो को लेने आया था। तो टीसी संदीप तिवारी उन्हें धक्का देकर उनको पकड़ने लगा तो मैने कहा मेरे पास टिकट है। आप मेरे साथ बत्तामीची कर रहे, इसी बात पर मेरे पति से बहस हो गई।*

थाना प्रभारी से बात की तो वह बोले चलो कोई बात नहीं टीसी से गलती हो गई, समझा देगे एवं मैने रेलवे से जिसके बाद पीड़ित अधिवक्ता ने सिविल लाईन कंप्लेन नम्बर 139 लगा कर टीटी संदीप तिवारी की शिकायत की तो थोड़ी देर बाद मेरे पास मोबाईल नं.-9794838964 बोले कि मैं रल्वे इन्सपेक्टर खजुराहो से बोल रहा हूं क्या हो गया। तो मैने पूरी घटना बताई तो वह बोला कि संदीप तिवारी आप से 10 बार माफी मांग रहा है, माफ कर दो। आज के बाद 04.47 पर कॉल आया और करेगा। तो मैने कहा ठीक हैं उससे मेरी लगभग 12 मिनट बात हुई हैं, जिसकी कॉल डिटेल निकाली जायें। जिसके बाद वो कभी परेशान नहीं

और मेरे पति ने बात की और घटना की जानकारी दी, लेकिन मेरी नही सुनी गई और रेलवे विभाग की तरफ से मेरे पति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करा दिया गया है। मेरे शिकायत करने बाद ही शाम के लगभग 05.30 बजे टीसी संदीप तिवारी जो एडीशनल एसपी से मैने लोकल छतरपुर का हैं, जिसका वहां राजनैतिक प्रभाव हैं। जिसने मेरे पति के ऊपर एफ.आई.आर. कर दी, जबकि उनके द्वारा ही डाले गये वीडियो में अपने 2 साल के बच्चे के साथ लिये और बोल रही हूं कि टीटी मुझसे बत्तामीची कर रहा जबकि मेरे पास मेरे मोबाईल में वैध टिकट हैं मुझ दिखाने का मौका तो दो। फिर भी मेरे ऊपर भी झूठी एफ.आई.आर. दर्ज कर दी। जबकि मौके पर उपस्थित पूजा अहिरवार, सत्यम कुमार एवं उन्हीं के द्वारा काट के डाला गये वीडियो में भी रितु लोधी का डाला मेरे पति को ही गलत ठहराया गया हैं। पीड़िता ने अधिकारियों से मामले की उच्च स्तरीय और रिषी लोधी हैं जिनसे पूछतांछ की जाये। उन्होने पूरी घटना देखी एवं सुनी हैं, रेल्वे से सी.सी.टी.व्ही. कैमरे की रिकोर्डिंग देखे जाये क्योकि वीडियो केवल बाद

*मैने अपने मोबाईल पर एडिट वीडियो डाला हुआ देखा, जिसमे मेरे पति ही दिख रहे तो मैन फिर से उसी मोब.न. पर काल किया तो वह बोला कि मुझे वीडियो और टिकट भेजो में अभी देखता हूं संदीप से बात करता हूं, उसके बाद वह मो.न. बंद हो गया और फिर मेरे द्वारा रेलवे अधिकारियों को रजिस्ट्री के द्वारा अपनी शिकायत भी भेजी है। और पुलिस विभाग के टीआई बाल्मीक साहब से बात की तो बोले जांच कर न्याय की गुहार कोई बात नहीं हैं, समझा लगाई है। दिया हैं। मैने आईजी, डीआईजी, एसपी,*

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