
गंगटामोर-लक्ष्मीपुर मार्ग के घने जंगल में स्थित है अद्भुत चमत्कारिक स्थल – श्री श्री 108 जय बाबा सवा लाख मंदिर
जमुई जिला, बिहार — मुंगेर के गंगटामोर से लक्ष्मीपुर के बीच फैले घने और भयानक जंगल के बीच एक दिव्य और चमत्कारिक स्थल स्थित है, जिसे श्रद्धालु श्री श्री 108 जय बाबा सवा लाख मंदिर के नाम से जानते हैं। गंगटामोर से लगभग 3 किलोमीटर और लक्ष्मीपुर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर, सड़क के किनारे यह मंदिर वर्षों से आस्था और चमत्कार का केंद्र बना हुआ है।
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान पहले वीरान और खतरनाक जंगल का हिस्सा था। संध्या होते ही यहां का रास्ता सुनसान हो जाता था, क्योंकि चोर-डाकू, लुटेरे और जंगली जानवर — विशेषकर बाघ और हाथी — के डर से लोग इस जंगल को पार करने से कतराते थे।
चमत्कार की कहानी
कहा जाता है कि बहुत समय पहले, जब यहां मंदिर नहीं था, एक व्यक्ति लकड़ी काटने के लिए जंगल में आया। तभी अचानक एक शेर सामने आ गया। भय से कांपते हुए वह व्यक्ति सड़क किनारे खड़ा हो गया। अद्भुत बात यह हुई कि शेर भी उसके सामने आकर दोनों पंजे जोड़कर खड़ा हो गया और बिना किसी नुकसान के वहां से चला गया। ग्रामीणों का मानना है कि यह बाबा सवा लाख की कृपा थी।
इसी चमत्कार और बाबा की महिमा को देखते हुए, लोगों ने इस स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया। मान्यता है कि जो भी वाहन चालक यहां रुककर बाबा के दर्शन करता है, उसका सफर मंगलमय होता है, जबकि जो बिना दर्शन किए निकल जाते हैं, उन्हें आगे किसी न किसी अनहोनी का सामना करना पड़ता है — जैसे दुर्घटना, गाड़ी खराब होना या टायर पंक्चर होना। यह घटना इतनी बार दोहराई गई है कि यह अब स्थानीय और दूर-दराज के यात्रियों के बीच एक अटूट विश्वास बन चुका है।
भव्य स्वरूप और बढ़ती आस्था
आज यह मंदिर भव्य रूप ले चुका है और हर दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। बाबा सवा लाख का यह स्थान न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र के इतिहास और लोककथाओं में भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले यात्री कहते हैं कि यह स्थल सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि सुरक्षा, आशीर्वाद और चमत्कार का प्रतीक है।
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