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राजस्थान राजसमंद कुंभलगढ़ वरदडा पंचायत के कल्थाना गांव में गवरी नृत्य का आगाज, 40 दिन तक चलेगा आदिवासी श्रद्धा का पर्व

कुंभलगढ़ वरदडा पंचायत के कल्थाना गांव में गवरी नृत्य का आगाज, 40 दिन तक चलेगा आदिवासी श्रद्धा का पर्व

राजसमंद। कल्थाना गांव में आज से गवरी नृत्य की शुरुआत हुई। मेवाड़ क्षेत्र में भील जनजाति द्वारा किया जाने वाला यह प्रसिद्ध लोक नृत्य भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। सावन-भादो के महीने में मनाया जाने वाला यह नृत्य "राई नृत्य" के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें मांदल और थाली की ताल पर अद्भुत प्रस्तुतियां दी जाती हैं।

गवरी की खासियत यह है कि इसमें भाग लेने वाले आदिवासी समुदाय के लोग 40 दिन तक त्याग करते हैं—इस दौरान वे घर नहीं जाते, हरी सब्जियों का सेवन छोड़ देते हैं और मंदिरों में ही रात्रि विश्राम करते हैं।
कई वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में आदिवासी समाज सवा महीने तक गौरज्या मां भगवान की आराधना करता है और पूरी श्रद्धा के साथ इस प्रथा का निर्वहन करता है।

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