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शिमला मनाली - महावर्षा से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित।

2025 के महावर्षा ने हिमाचल के पर्यटन कारोबार प्रभावित ।

*शिमला/मनाली, अगस्त 2025* — हिमाचल प्रदेश में जून-अगस्त की रिकॉर्ड वर्षा और भूस्खलन ने राज्य की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को भारी नुक़सान पहुँचाया है। पर्यटन विभाग व उद्योग-संघों से संकलित ताज़ा आकलनों के अनुसार:
- पीक मानसून के दौरान **औसत होटल ऑक्युपेंसी 15-20%** पर लुढ़क गई, जो सामान्य वर्षों में 55-60% रहती है।
- चंडीगढ़–मनाली NH-3, शिमला–किन्नौर NH-5 तथा NH-505 (स्पीति) सहित **रोज़ 300-400 सड़कों के बंद** रहने से आवागमन ठप रहा।
- - टैक्सी व बस परिचालकों को **-38% राजस्व गिरावट** झेलनी पड़ी; कई चालकों ने क़िस्तें भरना तक रोक दिया।
भारतीय मौसम विभाग ने केवल जून-अगस्त में 19 दिन येलो या ऑरेंज अलर्ट जारी किए। परिणामस्वरूप अग्रिम बुकिंग का 35-45% हिस्सा रद्द हो गया। मनाली के मॉल रोड पर जहां आम तौर पर भीड़ रहती है, वहां इन दिनों मुश्किल से कुछ पर्यटक ही दिख रहे हैं।
राज्य-नियंत्रित HPTDC ने 15 जुलाई से 12 सितंबर तक 20-40% मॉनसून डिस्काउंट की घोषणा की, मगर ख़राब कनेक्टिविटी ने स्कीम का असर सीमित कर दिया—अधिकांश होटलों की ऑक्युपेंसी अब भी 10-20% के बीच अटकी हुई है। वैकल्पिक लिंक-रोड मरम्मत के लिए जारी ₹420 करोड़ पैकेज की प्रगति पर लगातार बारिश पानी फेर रही है; अब तक केवल 58% काम पूरा हो पाया है।
होटल और ट्रैवल ऑपरेटरों ने सरकार से भूस्खलन-रोधी ढांचों को दोगुना करने एवं रीयल-टाइम रोड-स्टेटस पोर्टल को गुगल मेप से व टैक्सी-ऐप्स से जोड़ने की माँग की है। पर्यटन-उद्यमी वर्केशन और सर्दियों के ‘स्लो ट्रैवल’ पैकेजों के ज़रिए ऑफ-सीजन राजस्व खोजने पर जोर दे रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सड़क सुरक्षा संरचनाओं में त्वरित निवेश और पारदर्शी सूचना-प्रणालियाँ नहीं बनतीं, तब तक डिस्काउंट अभियानों का लाभ सीमित रहेगा। राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में अतिरिक्त बजट का संकेत दिया है, मगर उद्योग जगत को ठोस, समयबद्ध कार्ययोजना का इंतज़ार है।

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