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चिकित्सा मंत्री ने की समीक्षा

*चिकित्सा मंत्री ने की समीक्षा*
*सभी प्रभारी अधिकारी 13 से 15 अगस्त तक रहेंगे जिलों के दौरे पर*
*मौसमी बीमारियों सहित स्वास्थ्य सेवाओं की करेंगे गहन समीक्षा*

जयपुर, 12 अगस्त। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव गतिविधियों सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के सघन निरीक्षण के लिए 13 अगस्त से 15 अगस्त तक राज्य स्तरीय प्रभारी अधिकारियों की टीमें सभी जिलों में जाएंगी। ये टीमें जिलों में चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी, जिसके आधार पर राज्य स्तर से व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम के आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभारी अधिकारी संबंधित जिलों में जाकर मौसमी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लें। वे हर जिले में दवाओं और मानव संसाधन की उपलब्धता, उपकरणों की क्रियाशीलता, चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति, साफ—सफाई सहित अन्य पैरामीटर्स पर गहन जांच करें। साथ ही, रोगियोंं एवं उनके परिजनों से भी फीडबैक प्राप्त करें, ताकि वस्तु​ स्थिति के अनुसार एक्शन लिया जा सके।

*जहां केस ज्यादा, वहां करें विशेष फोकस*
श्री खींवसर ने कहा कि यद्यपि मौसमी बीमारियों के केस फिलहाल अधिक नहीं हैं, लेकिन जहां भी अपेक्षाकृत केस ज्यादा सामने आ रहे हैं, वहां बचाव व रोकथाम गतिविधियों पर विशेष फोकस करें। उन्होंने वीसी के माध्यम से जुड़े सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों व संबंधित जिला अधिकारियों से गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बारिश का दौर धीमा होने के बाद अब मच्छरों की रोकथाम के लिए फोगिंग, एंटीलार्वल, घर-घर सर्वे सहित अन्य गतिविधियों को बढ़ाएं।

*31 अगस्त तक सभी कार्मिकों की जिओ मैपिंग होगी*
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में मानव संसाधन की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने की दृष्टि से चिकित्सा विभाग के सभी कार्मिकों की 31 अगस्त, 2025 तक जिओ मैपिंग सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अधिकारी यह बताएं कि कौनसे ट्रोमा सेंटर एवं एफआरयू मानव संसाधन की कमी के कारण क्रियाशील नहीं हैं तथा किस चिकित्सा संस्थान में बैड एवं अन्य मापदण्डों के अनुरूप स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। उन्होंने सीएचओ के रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह सभी जानकारी शीघ्र राज हैल्थ पोर्टल पर अपडेट करें।

*एक पद पर दो कार्मिक नहीं रहेंगे*
श्री खींवसर ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में अब तक करीब 24 हजार पदों पर भर्ती की जा चुकी है तथा लगभग 26 हजार पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जिलों में स्टाफ की समुचित उपलब्धता हो। एक पद पर दो व्यक्ति अगर कहीं हों तो तत्काल प्रभाव से एपीओ किया जाए। पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।

*जर्जर भवनों की तत्काल कराएं मरम्मत*
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर भवनों की स्थिति जांचें। अगर कोई भवन जर्जर हालत में है तो उसे तत्काल सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से जर्जर घोषित करवाएं। साथ ही, जहां भी मरम्मत की आवश्यकता है तुरंत प्रभाव से मरम्मत करवाएं। इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करें।

*स्वास्थ्य केंद्रों से नहीं हो अनावश्यक रैफरल*
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर एवं अन्य स्वास्थ्य गतिविधियों की समक्षा की। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर कार्यरत सीएचओ के कार्य की नियमित रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक सहित स्वास्थ्य कार्मिकों के ठहराव पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यह भी ध्यान दें कि स्वास्थ्य केन्द्रों से रोगियों का अनावश्यक रैफरल न हो। उन्होंने गांव-ढाणियों में झोलाछाप चिकित्सकों को हटाने और आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दवा व जांच योजना के तहत सभी दवा व जांच सेवाओं की उपलब्धता रखें।

*मोबाइल हैल्थ टीमों की गाड़ियों में 15 दिन में करें जीपीएस एक्टिव*
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी से लेकर स्कूलों में बच्चों में विकासात्मक देरी संबंधी 4 प्रमुख विकृतियों की गुणवत्तापूर्ण स्क्रीनिंग के साथ सघन मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरबीएसके के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक ब्लॉक में माइक्रोप्लानिंग, लक्ष्य निर्धारण एवं प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने आरबीएसके में संचालित सभी मोबाइल हैल्थ टीमों की गाड़ियों पर अगले 15 दिन में जीपीएस एक्टिव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिलेवरी प्वॉइंट्स पर न्यूबोर्न स्क्रीनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्वास्थ्य समिति में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा करें।

*यू-विन सॉफ्टवेयर में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य*
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने टीकाकरण कार्यक्रम की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इम्युनाइजेशन संबंधी समस्त रिकॉर्ड ऑनलाइन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं का यू-विन में रजिस्ट्रेशन कराएं। साथ ही प्रदान की जा रही टीकाकरण सेवाओं का भी इंद्राज में गंभीरता बरतें। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारियों को शत्-प्रतिशत् स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण सत्र आयोजन की भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।

बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, निदेशक आरसीएच डॉ. मधु रतेश्वर, निदेशक अराजपत्रित श्री राकेश कुमार शर्मा, एसपीएम एनएचएम डॉ. जलज विजय सहित सभी जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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