यूनियन बैंक के रिश्वतखोर चपरासी दीपक सेन पर नहीं हो रही कठोर कर्यवाही
मामला मैहर जिले से जुड़े यूनियन बैंक शाखा का है बता दें कि कुछ दिनों पहले यूनियन बैंक में पदस्थ एक चपरासी द्वारा गरीबों किसानों का क्रेडिट कार्ड या लोन पास करने के बहाने उनसे जबरदस्ती मोटी रकम वसूली करता था जिसकी शिकायत बैंक प्रबंधक महोदय से भी की गई तो कुछ दिनों के लिए चपरासी को बैंक से बाहर कर दिया गया लेकिन यह एक दिखावा था वह चपरासी फील्ड पर घूम कर यूनियन बैंक का काम करता रहा अब धीरे-धीरे फिर से शाखा में आने लगा यह एक मिली भगत के तहत कार्य हो रहा है सवाल यह है कि जो किसानों का पैसा हड़प लिया गया जो बेचारे गरीब अनपढ़ हैं जिन्हें पता ही नहीं की लोन पास कराने का पैसा लगता भी है या नहीं ऐसे लोगों का पैसा कब मिलेगा क्या यूनियन बैंक शाखा भ्रष्टाचार का को संरक्षण दे रही है यदि इस तरह बैंक ही करेगा तो फिर बाहर फर्जी लोगों को कौन रोक सकता है ऐसे लोगों पर बैंक क्यों नहीं कठोर कार्रवाई कर रही है और चपरासी को तत्काल पद से पृथक कर कानूनी कार्यवाही करवाई नहीं कर रही है अन्यथा इसी तरह से किसान गरीब अभी भी पीस रहा है और पिसता चला जाएगा जिसको कोई सुनने वाला भी नहीं है