
आईवीएफ के बारे में सही जानकारी है जरूरी, भ्रांतियों से न हों गुमराह: डॉ. सौजन्या अग्रवाल
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करना आज की बड़ी आवश्यकता बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में सही निर्णय लेने के लिए IVF से संबंधित सटीक जानकारी बेहद जरूरी है।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली की सीनियर डायरेक्टर – इनफर्टिलिटी एवं IVF, रोबोटिक और गायनेकोलॉजी लेप्रोस्कोपी विशेषज्ञ डॉ सौजन्या अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि IVF एक आधुनिक और सुरक्षित तकनीक है, जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को लैब में मिलाया जाता है और विकसित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह प्रक्रिया उन दंपतियों के लिए सहायक है जो प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति में असमर्थ होते हैं।
डॉ सौजन्या ने बताया कि IVF को लेकर समाज में कई मिथक प्रचलित हैं, जैसे कि IVF से जन्मे बच्चे सामान्य नहीं होते, या यह प्रक्रिया अत्यधिक दर्दनाक होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बातें पूरी तरह गलत हैं। आधुनिक तकनीकों, जैसे जेनेटिक स्क्रीनिंग, के माध्यम से भ्रूण की गुणवत्ता को परखा जा सकता है, जिससे जन्मजात विकारों की आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि IVF कोई अंतिम विकल्प नहीं, बल्कि एक प्रभावी और वैज्ञानिक विकल्प है। कई बार IUI (इंट्रायूटेरिन इंसमिनेशन) या दवाओं से भी गर्भधारण संभव होता है। IVF की सफलता दर महिला की उम्र, अंडाणु-शुक्राणु की गुणवत्ता, हार्मोनल संतुलन और जीवनशैली जैसे कारकों पर निर्भर करती है।
मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में बांझपन से जुड़ी व्यापक सेवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें व्यक्तिगत इलाज योजना के तहत इन्फर्टिलिटी मूल्यांकन, IUI, IVF, जेनेटिक स्क्रीनिंग, ICSI, शुक्राणु पुनःप्राप्ति, एग व स्पर्म डोनेशन की सुरक्षित व्यवस्था, फर्टिलिटी फ्रीजिंग, साथ ही रोबोटिक एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शामिल हैं। इसके अलावा गर्भावस्था से पहले और बाद की सम्पूर्ण मातृत्व देखभाल भी सुनिश्चित की जाती है।