
आप लिखकर ले लो.....जिस दिन इस देश की जनता से वोट देने का अधिकार छीन लिया गया, उस दिन लोकतंत्र में जनता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
क्योंकि लोकतंत्र में जनता को जो वोट देने का अधिकार मिला है, वो सबसे कीमती और जरूरी अधिकार है।
आप लिखकर ले लो.....जिस दिन इस देश की जनता से वोट देने का अधिकार छीन लिया गया, उस दिन लोकतंत्र में जनता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
क्योंकि लोकतंत्र में जनता को जो वोट देने का अधिकार मिला है, वो सबसे कीमती और जरूरी अधिकार है।
जनता को वोट देने का ये अधिकार दिलाने के लिए बाबा साहेब अंबेडकर ने लंबी लड़ाई लड़ी है। हमारे लाखों पूर्वजों को अपना बलिदान देना पड़ा है, तब जाकर हमें ये आजादी और लोकतंत्र मिला है।
मगर अब हमारे लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है, BJP इलेक्शन कमीशन के साथ मिलकर जनता से वोट देने का अधिकार छीनने की साजिश रच रही है।
इसलिए ऐसे वक्त में इस देश की जनता के पास राहुल गांधी से साथ मिलकर लड़ाई लड़ने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है।
अगर आपको अपने भविष्य की जरा सी भी परवाह है तो आप चुप नहीं रह सकते। क्योंकि आपका वह अधिकार, जो आपको हमारे लोकतंत्र में सबसे ज़्यादा ताक़त देता है - वोट का अधिकार- हमे बचाना पड़ेगा।
विपक्ष क्या माँग रहा है? सिर्फ डिजिटल मतदाता सूची ही तो।
* "एक व्यक्ति, एक वोट" हमारे संविधान की नींव है
* एक साफ़ सुथरी वोटर लिस्ट स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का आधार है
* एक ऐसी मतदाता सूची जिसमें कोई डुप्लिकेट नाम, नकली पते या फर्जी डिटेल ना हों – ये हर भारतीय का अधिकार है।
* इलेक्शन कमीशन से कांग्रेस की मांग सिर्फ इतनी है कि डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई जाए जिसका सार्वजनिक ऑडिट हो सके।
आपको ये समझना पड़ेगा कि ये सिर्फ राहुल गांधी औऱ कांग्रेस की लड़ाई का सवाल नहीं है.....ये सवाल देश के लोकतंत्र को बचाने की है, ये लड़ाई जनता के अधिकारों को बचाने की लड़ाई है।
अगर हम और आप अभी भी चुप बैठे रहें तो हमारा भविष्य तबाह हो जाएगा। अगर हमारे चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे तो हमारा लोकतंत्र सिर्फ नाम का ही रह जाएगा। जनता के हाथ में कुछ नहीं रह जाएगा, फिर जो तानाशाह चाहेगा वही होगा। हम और आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे।