
जितेन्द्र जायसवाल जन जन की आवाज नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश आखिर कब मिलेगा सहारा निवेशकों को उनकी जमा रकम का रुपया......? 9 माह बीत गए पोर्टल लांच किए, हाथ पर हाथ धरे है बैठे, नतीजा सिफर
आखिर कब मिलेगा सहारा निवेशकों को उनकी जमा रकम का रुपया......? 9 माह बीत गए पोर्टल लांच किए, हाथ पर हाथ धरे है बैठे, नतीजा सिफर
नागदा जिला ब्यूरी)
जितेन्द्र जायसवाल जन जन की आवाज नागदा जिला उज्जैन मध्य प्रदेश आखिर कब मिलेगा सहारा निवेशकों को उनकी जमा रकम का रुपया......? 9 माह बीत गए पोर्टल लांच किए, हाथ पर हाथ धरे है बैठे, नतीजा सिफर
आखिर कब मिलेगा सहारा निवेशकों को उनकी जमा रकम का रुपया......? 9 माह बीत गए पोर्टल लांच किए, हाथ पर हाथ धरे है बैठे, नतीजा सिफर
जिला ब्यूरी)
सहारा इंडिया कंपनी में जमा करोड़ो निवेशकों के जमा रुपयों को वापस लौटने का वादा केंद सरकार ने पूरे दमखम से किया था लेकिन अभी तक मतजामून्य नजर आता दिख रहा है। ऐसे में आखिर सहारा उपभोका क्या करें? लगभग 9 माह पहले केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित श ने निवेशकों को उनका रुपया लौटाने के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया था जिसको प्रक्रिया देश भर के निवेशकों ने पूर्ण को लेकिन अभी तक रुपया नहीं मिला है। जिसमे सहारा निवेदकर हाथ पर हाथ धो बैठे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। लोकमभा चुनाव में इसका
खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। अपनी मेहनत रखून पसीने की कमाई को सुनहरे भविष्य के लिए एक बचत के रूप में सहारा दिया जैसी विधीय कंपनी में अपना रुपैया जमा कराया देश भर के भोले भाले निवेशकों ने लेकिन आज इनकी जमा राशि को लौराने को कोई प्यार नहीं हैं।
माह पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक मार्वजनिक कार्यक्रम में पोर्टल लांच कर निवेशकों को आवेदन जमा करने का आन किया था जिसके बाद निवेशकों ने बड़ी उम्मीद के साथ आवेदन अनलाइनमेंटर पर जमा कराए थे जिसमें उनका खर्चा भी ला निवेशक देर रात तक सेंटर पर डेट रहे क्योंकि उन्हें अपनी रकम मिलने की काफी उम्मीद थी। समय बिता गया
आज सगभग 9 माह ही गए लेकिन अभी तक कियों के खाते में रुपए जमा नहीं हुए। आरंभिक दौर में इका का लोगों को जहर 10 हजार के अंदर रुपए की कुछ राशि मिली थी लेकिन उसके बाद किसी को रुपया नहीं मिला। कंपनी के नाम से भेजे गए आवेदन को त्रुटिपूर्णता कर पुनः आवेदन भेजने के मैसेज भी कई उपभोकाओं को आए लेकिन अभी तक कोई स्था प्रक्रिया नहीं हुई है जिससे आज नतीजा यही डाक के तीन पात है। जावरा के धीरेंद्र सिंह सोलंकी ने गांव में लेकर दिल्ली तक महारा पीयेंतों की आवाज को दबंगता से पाया कुछ हद तक सफलता भी मिली लेकिन बाद में पा मुहरा केंद्र सरकार ने अपने हाथों में ले लिया इसके बाद स्थिति जस की तस है।
सेकसभा चुनाव चल रहे हैं ऐसे में आम जनता अपने नेताओं में यह सवाल करती नजर आ रही है कि आपके जिन नेताओं ने सार्वजनिक मंच में महाराजा पैसा दिलाने का वादा किया था वह
SAHARAमजनता का उन नेताओं से भी हैं जो जनता
अपना वादा पूरा क्यों नहीं कर रहे हैं आखिर आम जनता को मूर्ख क्यों बनाया गया? कि निवेशकों ने अपने आवेदन भी जमा कर दिए हैं उनके महत्वपूर्ण कागजकात भी ले लिए गए हैं जिसमे अब अन्य कार्रवाई करने के लायक भी वे नहीं बचे हैं। ऐसे में उपभोक्ता सरेआम उगे नजर आ रहे हैं आखिर निवेशकों को किय बात की सजा मिल रही है। यह सवाल के हितों के लिए लड़ाई लड़ने की बात करते है। क्या जनताको आवाज को उठाने का साहस जुटा पाएंगे?
विधायक को कराया था अवगत.. पिछले कुछ माह पूर्व पदनगर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे एवं आलोट विधायक संतामणि मालवीय को इस प्रतिनिधि ने मंच के माध्यम से महारा पौडईडों को इस समस्या से अवगत कराया था जिस पर उन्होंने आधासन दिया था कि वे यह याजिव भांग आगे तक उए लेकिन यह आवाज मंच तक ही सीमित रही या आगे भी गई ? ज्ञात रहे नगर के भी सेकडो लोगो के करोड़ी रुपए हुए है। जी अभी भी उम्मीद लगाकर बैठे हैं। सहारा ने नगर की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है।
सहारा निवेशकों के साथ हो अन्य चिर पड कंपनियां, डेली कलेक्शन करने वाली आदि पर सरकार व प्रशासन का अंश जरूरी है अन्यभा जनता और ठगी का शिकार होती रहेगी।