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मीडिया को मिले संवैधानिक दर्जा — लोकतंत्र का आधिकारिक चौथा स्तंभ बनाने की मांग: विजय शंकर चतुर्वेदी का राष्ट्रपति से आग्रह

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मीडिया को मिले संवैधानिक दर्जा — लोकतंत्र का आधिकारिक चौथा स्तंभ बनाने की मांग: विजय शंकर चतुर्वेदी का राष्ट्रपति से आग्रह

नई दिल्ली: मीडिया को लोकतंत्र का आधिकारिक चौथा स्तंभ घोषित कर संवैधानिक मान्यता देने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। राष्ट्र टाइम्स के संपादक एवं President Accredited Journalists Association (Regd.) के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने इस संबंध में माननीय राष्ट्रपति महोदय को एक विस्तृत और तर्कपूर्ण पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

अपने पत्र में श्री चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय मीडिया — चाहे प्रिंट हो, इलेक्ट्रॉनिक हो या डिजिटल — हमेशा से जनता को जागरूक, शिक्षित और सशक्त बनाने का कार्य करता आया है। “यह विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को जवाबदेह बनाता है और समाज में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सुधार को बढ़ावा देता है,” उन्होंने लिखा।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया के कई देशों में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है, जबकि भारत में इसे केवल मौखिक परंपरा में ही यह दर्जा मिला हुआ है। “अब समय आ गया है कि मीडिया को संवैधानिक मान्यता दी जाए,” उन्होंने कहा।

श्री चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि मीडिया की आधिकारिक भूमिका को नकारना लोकतंत्र को कमजोर करता है। “यदि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीन मजबूत स्तंभ हैं, तो मीडिया वह चौथा स्तंभ है जो इन्हें संतुलित और जवाबदेह रखता है। इसके बिना लोकतंत्र अधूरा और कमजोर हो जाएगा,” उन्होंने लिखा।

उनके अनुसार, संवैधानिक मान्यता मिलने से पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी, प्रेस की स्वायत्तता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी, जनता का लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास और गहरा होगा, और लोकतांत्रिक ढांचे में संतुलन व पारदर्शिता आएगी।

उन्होंने कहा, “यह केवल पत्रकारों की आवाज़ नहीं है, बल्कि हर उस नागरिक की मांग है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखता है।” श्री चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति महोदय से इस विषय पर गंभीरता से विचार कर जल्द सकारात्मक निर्णय लेने की अपील की, “ताकि इतिहास रचा जा सके।”

Lucknow.


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