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जमुई जिले का न्युज गौरव: त्रेतायुग से जुड़ा पावन स्थल ‘बाबा गिदेश्वर नाथ धाम’ (बिहार राज्य परिषद रजि. नं. 2806)

जमुई जिला के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों में एक प्रमुख नाम है बाबा गिदेश्वर नाथ धाम, जो त्रेतायुग की पौराणिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। स्थानीय मान्यता और विद्वानों के मतानुसार यहां स्थापित शिवलिंग का निर्माण स्वयं भगवान श्रीरामचंद्र जी ने अपने पवित्र हाथों से किया था।

मंदिर समिति के सदस्य और सेवक गिरधारी यादव (भेड़िया तरी, बड़ी बाग, जमुई) ने ‘ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन’ को बताया कि यह स्थान गिदेश्वर पर्वत पर स्थित है, जहां पौराणिक कथा के अनुसार गिद्धराज जटायु का निवास था। माता सीता हरण के समय जटायु और रावण के बीच यहीं भीषण युद्ध हुआ था। जटायु ने अपनी प्राण-शक्ति लगाकर रावण को रोकने की कोशिश की और उसे मूर्छित भी किया, परंतु अंततः रावण ने उसका एक पंख काट दिया।

जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण सीता जी की खोज में यहां पहुंचे, तो जटायु अंतिम सांसें ले रहा था। उसने रावण और सीता हरण की पूरी कथा सुनाई और प्रभु के चरणों में प्राण त्याग दिए। भगवान श्रीराम ने स्वयं विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया और इसी पावन स्थल पर शिवलिंग की स्थापना कर ‘बाबा गिदेश्वर नाथ धाम’ नाम दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नाम का शिवलिंग पूरे भारत में और कहीं नहीं मिलेगा। अनुमान है कि वर्तमान स्वरूप में इस मंदिर की पूजा-अर्चना लगभग 1900 ईस्वी के आसपास नियमित रूप से प्रारंभ हुई।

आज भी यह धाम भक्तों और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु शिवरात्रि और सावन मास में जलाभिषेक करने आते हैं।

रिपोर्ट: संजीत गोस्वामी,
चीफ ब्यूरो, बांका जिला, ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन
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1 comment  
  • Sanjit Goswami

    हर हर महादेव जय बाबा सिद्धेश्वर नाथ धाम महादेवमंदिर की जय