
पर्यावरण शुद्धता के लिए आवश्यक है तुलसी रोपण – स्वामी जितेंद्रनाथ महाराज
‘तरुण भारत’ अभियान को मिली प्रशंसा।
संवाददाता: धनंजय शिंगरुप नागपुर
अंजनगांव सुर्जी, 13 अगस्त – नरकेसरी प्रकाशन संस्थान के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर मंदिरों, मठों और सामुदायिक भवनों में स्वच्छता और तुलसी रोपण अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार सुबह श्री देवनाथ महाराज मठ में इस अभियान का शुभारंभ स्वामी जितेंद्रनाथ महाराज के हाथों तुलसी का पौधा लगाकर किया गया।
इस अवसर पर नरकेसरी प्रकाशन के संचालक प्रदीप कालेले और सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर मुख्य रूप से उपस्थित थे। अपने आशीर्वचन में स्वामी महाराज ने कहा, “तरुण भारत ऐसा अख़बार है जो राष्ट्रीय विचारधारा और समाज सेवा के मार्ग पर चलता है। यह निरंतर विकसित हो, इसकी कीर्ति पूरे भारत में फैले और यह राष्ट्र, ईश्वर, धर्म, संस्कृति और परंपरा की सेवा करता रहे।” उन्होंने इस अभियान की सफलता पर सभी को बधाई दी।
कार्यक्रम से पूर्व प्रदीप कालेले ने अभियान की विस्तृत जानकारी दी और स्वामी महाराज का पूजन कर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात स्वामी महाराज ने तुलसी का पौधा लगाया और प्रतीकात्मक रूप से पाँच महिलाओं को तुलसी के पौधे प्रदान किए। तरुण भारत अमरावती जिला प्रतिनिधि गिरीश शेरेकर ने सामूहिक तुलसी विवाह की परंपरा पर जानकारी दी। इसके बाद तुलसी माता और राधा-कृष्ण की आरती हुई तथा बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर कुल 125 महिलाओं को तुलसी के पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम में मठ के पुष्पक भिरंगी, हर्षल चौधरकर सहित अन्य लोगों का सहयोग रहा। तरुण भारत नागपुर कार्यालय के उप-संपादक राजेंद्र मारोडकर, अमरावती के वितरण प्रतिनिधि प्रवीण मेटकर तथा अंजनगांव सुर्जी के प्रतिनिधि अनिल जिंतूरकर, अशोक पिंजरकर और सुनील जिंतूरकर उपस्थित थे।
तुलसी रोपण क्यों है महत्वपूर्ण
तुलसी भारतीय परंपरा में पवित्र मानी जाती है और यह प्राकृतिक वायु शोधक है। यह दिन में लगभग 20 घंटे ऑक्सीजन छोड़ती है, कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को अवशोषित करती है और वायु प्रदूषण कम करने में मदद करती है। तुलसी के पत्तों में प्रबल औषधीय गुण होते हैं – यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, खांसी-जुकाम से राहत देती है, तनाव कम करती है और पाचन को बेहतर बनाती है। तुलसी का पौधा लगाने से न केवल पर्यावरण शुद्ध होता है, बल्कि घर में स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।