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कुत्ते होते हैं वफादार इनको यह वरदान है। डाल दो इनको पिंजरे में कोर्ट का फरमान है।।

होशियारपुर: 14 अगस्त,2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर)
सृष्टि रचना के आदि काल से ही इस धरती पर कीड़े मकोड़े,पेड़ पौधे, पशु पक्षी, हवाएं फिजाएं, खंड बृहमंड और मानव वा दानव इत्यादि भी अस्तित्व में आए थे और इनका परस्पर बहुत गहरा सम्बन्ध भी चिरंजीव है। इनकी अनहोंद से सृष्टि की कलपना करना बेमानी होगी। धरती के हर जीव जंतु का जीवन एक दूसरे पर निर्भर है। इनमें से कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है जो इन्सान का सबसे ज्यादा वफादार मित्र है जो इन्सान का जूठन खाकर भी संतुष्ट रहता है और पूंछ हिलाकर शुक्रिया अदा करता है। इन्सान कहीं भी रहे : जंगलों में, पहाड़ों में, गुफाओं में या बर्फीली चोटियों में वहां कोई और जीव जंतु भले ही ना मिले पर कुत्ता जरूर मिलेगा। इसे दरवेश भी शायद इसी लिए कहा गया है कि इसकी कूक का भगवान से सीधा नाता है। प्रभु ने इसे वो शक्ति प्रदान की है जिससे वह तुरन्त भांप जाता है कि कौनसी घटना घटित होने वाली है, वह अपने हर तरीके से इन्सान को सावधान करता है। हाल ही में मंडी इलाके में बादल फटने की घटना घटने से पहले ही एक कुत्ते ने भौंक भौंक कर गांव वालों को सचेत किया कि पहाड़ खिसक रहा है भागो तो उस पूरे गांव के लोग आनन फानन में भाग कर जान बचाने में सफ़ल हो गए। देखते देखते पूरा गांव बह गया। इस तरह के बहुत किस्से हैं जो हैरत में डालते हैं और इन्सान के लिए मिसाल बने हैं।
यहां स्पष्ट करना बहुत जरूरी है कि हर कुत्ता काटता नहीं है। कुत्ते के काटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं हमें उन पर ध्यान देना होगा ना कि सभी कुत्तों को कैद में डाल कर सजा देनी चाहिए। इस धरती पर हर जीव जंतु का उतना ही अधिकार है जितना कि इन्सान का। इस लिए सुप्रीम कोर्ट का इन दरवेशों के प्रति लिया गया फैसला उच्चित नहीं है। इसे प्रभावी ढंग से तुरन्त वापिस लेना चाहिए। एक बे जुबान दरवेश जो इन्सान का आदि काल से मित्र रहा हो उसकी हिफाजत के लिए आज इंसान को उसकी आवाज़ बनना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करना होगा।

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