
आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना लालगंज रायबरेली में नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी, अजय प्रताप फर्जी सीईओ बनकर चला रहा था खेल
रायबरेली: डलमऊ निवासी अजय प्रताप यादव पर नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने और फर्जी मोहर बनवाकर खुद को “सीईओ” बताने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ितों की शिकायत पर ड्रोन सिक्योरिटी एजेंसी के असली मालिक ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
मिली जानकारी के अनुसार, अजय प्रताप यादव ने “ड्रोन सिक्योरिटी एजेंसी” के नाम पर युवाओं को सिक्योरिटी गार्ड, सुपरवाइजर, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर और गनमैन की नौकरी दिलाने का वादा किया। नौकरी के नाम पर उसने प्रति व्यक्ति ₹5,000 लेकर कई लोगों से बड़ी रकम वसूल ली, लेकिन किसी को भी नियुक्ति नहीं दी।
इस तरह की ठगी
धनंजय श्रीवास्तव से ₹27,500 ऑनलाइन और ₹50,000 नकद लेकर उसे “एरिया मैनेजर” बना दिया, यहां तक कि उसका भी मोहर बनवा दिया।
बृजेन्द्र सिंह और जयसिंह यादव से फर्जी दस्तावेज़ दिखाकर ₹12,500 ऑनलाइन और ₹40,000 नकद लिए।
जब नौकरी नहीं दी और पैसा वापस मांगा गया तो केवल ₹12,500 लौटाए, बाकी राशि हड़प ली।
पीड़ितों का कहना है कि इसी तरह होरीलाल यादव, धर्मेंद्र यादव, क़ासिम समेत कई अन्य लोगों से भी अजय प्रताप यादव ने ठगी की है।
कंपनी ने किया पर्दाफाश
बृजेन्द्र सिंह ने जब ड्रोन सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक शाहबाज आलम से संपर्क किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अजय प्रताप यादव उनकी कंपनी का कर्मचारी नहीं है। आरोपी ने धोखे से अपना नाम कंपनी की वेबसाइट पर चढ़वाया और फर्जी मोहर बनवाकर खुद को “सीईओ” बताने लगा।
पुराना रिकॉर्ड भी खराब
जांच में पता चला कि अजय प्रताप यादव पहले “XMAN सिक्योरिटी सर्विस” में फील्ड ऑफिसर था, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड से पैसे लेने और कंपनी की छवि खराब करने के कारण उसे निकाल दिया गया था।
एफआईआर दर्ज
ड्रोन सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक शाहबाज आलम ने आरोपी पर कंपनी का नाम बदनाम करने, फर्जी मोहर बनाने और जालसाजी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।