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चैरिटेबल चाम्सं स्थान में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया आजादी केवल एक उत्सव नहीं जिम्मेदारी है: डॉक्टर ख्याति मंजर

रांची । चैरिटेबल चाम्सं संस्था द्वारा स्वतंत्रता दिवस का आयोजन अत्यंत उल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ किया गया। यह समारोह संस्था के मूल उद्देश्य — सेवा, शिक्षा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन — को समर्पित रहा। आयोजन स्थल को बच्चों और स्वयंसेवकों द्वारा तिरंगे, रंगोली और देशभक्ति से प्रेरित पोस्टरों से सजाया गया था, जिससे पूरे वातावरण में देशभक्ति की भावना साफ झलक रही थी । इस गरिमामयी अवसर पर चाम्सं संस्था की चेयरपर्सन डॉ. ख्याति मुनजल, PR हेड रूपम झा, तथा प्रमुख सदस्य प्रतिभा, मौमिता, ईशा, सरिता जी, निधि, तान्या, सुरुचि, शेरोन, आरती, प्रीति झा, प्रभा सिंह, शोभा श्रीवास्तव, अंजना, उदय किरण, ललिता उराँव, देवांती टोप्पो, पिंकी तिर्की, अजय लोहरा, सतीश खल्खो, मंगल टोप्पो, महात्मा तिर्की, नितेश कच्छप, अमन टोप्पो, कर्मी लकड़ा, सुमन टोप्पो, सोनी कच्छप, सविता कच्छप, मनीषा टोप्पो, रघु तिर्की, बंधन टोप्पो, तथा अनीता टोप्पो समेत सभी सदस्य, स्वयंसेवक और बच्चों की विशेष उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाया। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई, जिसे डॉ. ख्याति मुनजल ने संपन्न किया। तत्पश्चात सभी उपस्थितजनों ने पूरे गर्व और सम्मान के साथ राष्ट्रीय गान गाया। डॉ. मुनजल ने अपने भाषण में कहा,
"आजादी केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है। हमें मिलकर ऐसा भारत बनाना है जहाँ शिक्षा, स्वच्छता और समानता हर नागरिक का अधिकार हो।" इसके बाद बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। देशभक्ति गीतों, नृत्य और नाटकों के माध्यम से बच्चों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और देशप्रेम की भावना को सजीव कर दिया। इस अवसर पर रूपम झा ने कहा, जब ये बच्चे 'वंदे मातरम' पर नृत्य करते हैं, तब ऐसा प्रतीत होता है मानो हमारे सपनों का भारत जीवंत हो रहा है।" संस्था के प्रत्येक सदस्य ने अपने भावों को शब्दों में व्यक्त किया: प्रतिभा ने कहा, "देश की आजादी तब ही सार्थक होगी जब हर बच्चा शिक्षित होगा।" मौमिता ने कहा, "एक किताब, एक मुस्कान और एक मदद भरी बात से भी हम बदलाव ला सकते हैं।"ईशा ने कहा, "देशभक्ति केवल नारे लगाने से नहीं, सेवा करने से प्रकट होती है।" सरिता जी ने कहा, "छोटी-छोटी मदद भी किसी की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है।"निधि ने कहा, "स्वतंत्रता का सही अर्थ तभी है जब हर बच्चे को अपने सपनों को चुनने की आज़ादी मिले।" तान्या ने कहा, "हमारे कार्यक्रम केवल उत्सव नहीं, जागरूकता फैलाने का माध्यम हैं।" सुरुचि ने भावुक होकर कहा, "जब कोई बच्चा मुस्कुराता है, तो लगता है हमने अपने कर्तव्य को निभा दिया।"शेरोन ने कहा, "सशक्तिकरण शब्दों से नहीं, कर्मों से होता है और हमारी संस्था इसी को दर्शाती है।" आरती ने कहा, "आजादी का सही अर्थ हर व्यक्ति को समान अवसर प्रदान करना है।"प्रीति झा ने कहा, "जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा नहीं पहुँचती, हमारी कोशिश जारी रहेगी।"
प्रभा सिंह ने कहा, "हमारी टीम एक परिवार की तरह है, जहाँ सब एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।"
शोभा श्रीवास्तव ने मुस्कुराते हुए कहा, "बच्चों के साथ काम करके ऐसा लगता है जैसे मैं सचमुच देश की सेवा कर रही हूँ।"कार्यक्रम के बाद बच्चों को स्टेशनरी किट्स, स्कूल बैग्स और पौष्टिक नाश्ते वितरित किए गए। बच्चों के चेहरे पर आई खुशी इस सेवा कार्य की सफलता को दर्शा रही थी। स्वयंसेवकों ने पूरी निष्ठा से कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने में सहयोग दिया। फोटो बूथ, जहां “मेरा भारत महान” और “I love India” जैसे स्लोगन थे, सभी के आकर्षण का केंद्र रहा। सभी ने तस्वीरें खिंचवाईं और इस दिन को यादगार बनाया। कार्यक्रम का समापन समूह शपथ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने संकल्प लिया कि वे देशहित में सदैव सेवा और सकारात्मक कार्यों में संलग्न रहेंगे। यह आयोजन एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि चाम्सं संस्था केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — जो देश के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। देशभक्ति सिर्फ झंडा फहराने से नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने की कोशिशों से साबित होती है। और इसी उद्देश्य के साथ संस्था आगे भी अपनी सेवाएँ जारी रखे

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