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सूरत में रामनगर के ‘पाकिस्तानी मोहल्ले’ का बदला नाम, अब कहलाएगा हिंदुस्तानी: दुश्मन देश से आए शरणार्थियों के कारण बदला था नाम, शर्म से गर्व पर आए स्थानीय


सूरत में रामनगर के 'पाकिस्तानी मोहल्ले' का बदला पता, अब कहलाएगा हिंदुस्तानीः दुश्मन देश से आए शरणार्थियों के कारण बदला था नाम (फोटो साभारः हिंदुस्तान)

गुजरात के सूरत में देश के बँटवारे के समय बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत आए। उन्हें एक कॉलोनी में बसाया गया। बाद में इसके एक हिस्से को पाकिस्तानी मोहल्ला कहा जाने लगा। अब स्थानीय निवासियों और विधायक की मदद से इसका नाम बदला जा सका है।

जानकारी के अनुसार, रामनगर नाम की इस कॉलोनी का नाम बदलकर 'हिंदुस्तानी मोहल्ला' रखा गया है। यहाँ रहने वाले लगभग 5000 लोगों के आधार कार्ड पर पते को अब अपडेट किया जाएगा। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अब रामनगर कॉलोनी के लोगों को अपनी कॉलोनी के नाम से असली आजादी मिली है।दरअसल भारत के बँटवारे के समय बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आए थे। इनमें सिंधी समाज के लाखों लोग देश के कई हिस्सों में बस गए। इसी तरह सूरत के रामनगर इलाके में भी बड़ी संख्या में सिंधी लोग आकर रहने लगे थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 600 शरणार्थी परिवारों ने यहाँ शरण ली। तभी से इस इलाके को लोग 'पाकिस्तानी मोहल्ला' कहने लगे थे। फिर धीरे-धीरे ये नाम आधिकारिक रूप से यहाँ के लोगों के दस्तावेजों पर भी आ गए।स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से वे इस नाम से छुटकारा पाना चाहते थे, क्योंकि इस नाम की वजह से उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती था। इसकी वजह ये थी कि यह नाम दुश्मन मुल्क का है। यहाँ के लोगों का कहना है कि पहले भी इसका नाम बदलने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई। उन्होंने बताया कि एक चौराहे का नाम हेमु कल्याणी चौक किया गया था, लेकिन यह चर्चित नहीं हो सका। लोग इसे पाकिस्तानी मोहल्ले के नाम से ही जानते रहे।
पाकिस्तानी मोहल्ले का नाम बदलकर हिन्दुस्तानी मोहल्ला किए जाने के मौके पर स्थानीय विधायक पूर्णेश मोदी भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा, "बँटवारे के बाद बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग यहाँ आकर बसे थे और एक हिस्से का नाम पाकिस्तान मोहल्ला हो गया। मैंने इसका नाम बदलने की पहल की। कुछ साल पहले मैंने म्यूनिसिपल रिकॉर्ड में नाम बदलकर हिन्दुस्तानी मोहल्ला करने के लिए जरूरी कदम उठाए और अब इसे मंजूरी मिल चुकी है।"

इस दौरान उन्होंने लोगों को अपने आधार कार्ड पर अब नया पता अपडेट कराने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, मोहल्ले में रहने वाली 70 साल की रतन चावड़ा ने कहा, "दशकों से इस जगह को पाकिस्तान मोहल्ला कहा जाता था और यही नाम चलन में आ गया था। अब मैं आधार कार्ड में नया नाम दर्ज कराने का इंतजार कर रही हूँ। मुझे बहुत खुशी है कि अब मेरे पते पर हिंदुस्तानी मोहल्ला लिखा जाएगा।"

रिपोर्ट - रजनीश पाण्डेय
जिला - सूरत गुजरात

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