
पाचन तंत्र की बीमारियाँ और उनके इलाज
1. एसिडिटी / गैस्ट्रिक (Acidity / Gastritis)
इलाज:
नींबू पानी, नारियल पानी, ठंडा दूध फायदेमंद।
मसालेदार, तैलीय और फास्ट फूड से परहेज़।
डॉक्टर की सलाह से एंटासिड दवाएँ।
2. अल्सर (Ulcer)
इलाज:
खाली पेट न रहें, हल्का और सुपाच्य भोजन लें।
शराब, धूम्रपान और तेज मसाले से बचें।
H. Pylori संक्रमण हो तो एंटीबायोटिक दवाएँ।
3. कब्ज (Constipation)
इलाज:
ज्यादा पानी पिएँ (8–10 गिलास रोज़)।
फल (पपीता, अमरूद, सेब) और हरी सब्जियाँ खाएँ।
इसबगोल की भूसी (Isabgol) रात को पानी/दूध के साथ लें।
4. डायरिया (Diarrhea – दस्त)
इलाज:
ORS घोल और नींबू-पानी पिएँ ताकि पानी की कमी न हो।
हल्का भोजन (खिचड़ी, दही-चावल) लें।
यदि बुखार और खून के दस्त हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
5. इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
इलाज:
तनाव कम करें (योग, ध्यान)।
गैस और तैलीय चीजें न खाएँ।
डॉक्टर द्वारा दी गई एंटी-स्पास्मोडिक और प्रोबायोटिक दवाएँ।
6. लिवर की बीमारियाँ (Liver Diseases)
इलाज:
पीलिया: नारियल पानी, गन्ने का रस, हल्का और सुपाच्य भोजन।
फैटी लिवर: शराब से परहेज़, व्यायाम और संतुलित आहार।
हेपेटाइटिस: डॉक्टर की सलाह से दवा, आराम और पौष्टिक भोजन।
7. गॉलस्टोन (Gallstones – पित्त की पथरी)
इलाज:
हल्के केस में दवा दी जाती है।
गंभीर स्थिति में सर्जरी (Gallbladder removal) कराई जाती है।
8. पैंक्रियाटाइटिस (Pancreatitis)
इलाज:
तुरंत अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना जरूरी।
दर्द निवारक दवा, IV फ्लूइड और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन।
👉 घरेलू उपाय (Home Remedies) पाचन तंत्र के लिए:
खाना चबाकर खाएँ।
अदरक, अजवाइन, सौंफ, जीरा का सेवन करें।
दही, छाछ और प्रोबायोटिक चीजें पाचन सुधारती हैं।
रात को हल्का भोजन करें।