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ग्राम पंचायत गोपसरिया का दर्दनाक मंज़र… divya mahipal maderna

divya mahipal maderna
आज मैंने दलित किसान श्री चंपाराम मेघवाल से मुलाक़ात की। राजनीतिक दबाव में प्रशासन ने उनका छोटा सा आशियाना बुलडोज़र से मलबे में बदल दिया और खड़ी फसल को भी उजाड़ दिया है।

जिस घर में बरसों की मेहनत, उम्मीदें और सपने बसे थे, वहाँ अब सिर्फ़ टूटी हुई दीवारें, बिखरी ईंटें और आंसुओं से भरी आँखें बची हैं।

उनकी पत्नी की नम आँखें, बच्चों की डरी-सहमी निगाहें और खेत में बर्बाद खड़ी फसल देखकर आत्मा व्यथित हो उठी।

यह सिर्फ़ एक दलित किसान का घर नहीं टूटा, बल्कि गरीब की मेहनत, दलित समाज का आत्मसम्मान और इंसानियत की नींव रौंदी गई है।

स्थानीय विधायक के दबाव में किया गया यह अमानवीय कृत्य सत्ता की संवेदनहीनता का सबसे भयावह चेहरा है।

इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस पूरी ताक़त से खड़ी है। न्याय की यह पुकार अब न रुकेगी, न दबेगी।

गरीब, किसान और दलित की आवाज़ बनकर हम आख़िरी दम तक संघर्ष करेंगे। divya mahipal maderna

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