logo

एक भारतीय क्रांतिकारी थे जो अपनी प्रतिज्ञा के कारण कभी भी जीवित पकड़े नहीं गए और 27 फरवरी, 1931 को अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मारकर उन्होंने वीरगति प्राप्त की थी।

चंद्रशेखर आज़ाद की किसी 'वांटेड' ब्रिटिश शासन द्वारा उनके और अन्य क्रांतिकारियों के खिलाफ विभिन्न प्रकार के इनामों और पैम्फलेट जारी किए गए थे। वह एक भारतीय क्रांतिकारी थे जो अपनी प्रतिज्ञा के कारण कभी भी जीवित पकड़े नहीं गए और 27 फरवरी, 1931 को अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मारकर उन्होंने वीरगति प्राप्त की थी। उन्हें "आज़ाद" नाम इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने शपथ ली थी कि वह कभी भी जीवित नहीं पकड़े जाएंगे, और उन्होंने यह शपथ 15 साल की उम्र में पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने के बाद ली थी।
ब्रिटिश सरकार ने उन्हें पकड़ने के लिए इनाम रखे थे और संभवतः उनकी तलाश में पैम्फलेट भी जारी किए होंगे, जैसा कि उस समय के अन्य क्रांतिकारियों के लिए होता था।
वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के एक प्रमुख सदस्य थे, जो बाद में एचएसआरए बन गया।
उनकी मृत्यु 1931 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के l पार्क में हुई थी।

#chandersekharazad #FreedomFighterofIndia #motivation #trendingpost

27
1388 views