
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना के लिए 28 गांव होंगे भूमि अधिग्रहण में शामिल कलेक्टर जन्मेजय महोबे की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक, भू-अर्जन मामलों में तेजी लाने के निर्देश
रेलवे की महत्वाकांक्षी खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना (278 किलोमीटर, 5वीं एवं 6वीं लाइन) के लिए जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने की।
बैठक में पीडब्ल्यूडी, आरईएस, हाउसिंग बोर्ड, जल संसाधन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGYSY), राष्ट्रीय राजमार्ग (NHAI) समेत कई विभागों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने भूमि अधिग्रहण के लंबित मामलों, आपत्तियों और प्रभावित किसानों को मिलने वाले मुआवजे जैसे बिंदुओं पर अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।
28 गांव होंगे प्रभावित
कलेक्टर महोबे ने बताया कि जिले की नवागढ़, बम्हनीडीह, शिवरीनारायण और पामगढ़ तहसीलों के 28 गांव इस अधिग्रहण क्षेत्र में आएंगे। इनमें करनौद, तिवारीपारा, देवरी, लोहसर्सी, खोरसी, हदहा, तनौद, कमरीद, कोढाभाट, भुड़गांव, चुरतेला, खरखौद, खैराडीह, शुक्लाभाठा, ससहा, पेंड्री, बरगांव, किरीत, खैरताल, खपराडीह, तेंदुआ, तुलसी, गंगाजल, कटौद, कुरयारी, बेल्हा, कपिस्दा और कनकपुर शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पूर्व में अधिग्रहण सूची में रहे खरीद और गोविंदा गांव अब परियोजना की वर्तमान सीमा में शामिल नहीं हैं। ऐसे में इन गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
समयबद्ध कार्रवाई पर जोर
कलेक्टर महोबे ने निर्देश दिए कि यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है, इसलिए भूमि अधिग्रहण में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। संबंधित राजस्व अधिकारियों को भू-अर्जन की कार्यवाही नियमानुसार और प्राथमिकता से करने कहा गया।
उन्होंने रेलवे अंडरब्रिज और ओवरब्रिज के अधिकारियों को अगली बैठक में विस्तृत प्रगति रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिए। वहीं पीडब्ल्यूडी और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग से कहा गया कि भू-अर्जन से जुड़े मामलों की जानकारी पृथक रूप से संकलित कर शीघ्र प्रस्तुत करें, ताकि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की जा सके।
सड़क और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सख्ती
कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को जिले से गुजरने वाले सभी हाइवे की नियमित निगरानी और मरम्मत सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने चेताया कि सड़कों पर कहीं भी गड्ढे या क्षतिग्रस्त हिस्सा नजर आते ही तुरंत सुधार कार्य शुरू होना चाहिए, ताकि आम जनता को यातायात में परेशानी न हो।
बैठक में पीएमजीएसवाई, पीडब्ल्यूडी, पुल निर्माण एवं अन्य विभागों के कार्यों में आ रही बाधाओं और भूमि अधिग्रहण संबंधी मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर ने अधिकारियों को गुणवत्ता से समझौता न करने और समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।