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ऑल इंडिया स्टूडेंट्स वेलफेयर काउंसिल ने मनाया शिक्षक दिवस

*#शिक्षक_दिवस का आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, होता है और होता रहेगा #‌* ‌

क्योंकि...आज के दिन शिक्षा के तीनों घटक शिक्षार्थी शिक्षक और शिक्षण संस्थान एक दूसरे के माध्यम से सम्मानित होते हैं! जहां शिक्षक अपने शिष्यों द्वारा सम्मानित होकर खुशी महसूस करते हैं वही शिष्य अपने गुरु को मान सम्मान देकर फूले नहीं समाते! शिक्षण संस्थान और उसके संचालक अपने संस्थान में पढ़ने और पढ़ने वालों को कुछ देखकर अपनी योजनाओं को आगे बढाते हैं!

आज के दिन छात्र, अभिभावक और शासन-प्रशासन "शिक्षकों का सम्मान करते हैं" !

5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती को शिक्षक दिवस रूप में मनाया जाता है!

गुरु शिष्य के बारे में कबीर दास जी ने अपने दोहे में कहा है कि
गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढि-गढि काढै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।

गुरु एक कुम्हार के समान है, जो कच्ची माटी रूपी शिष्य को योग्य व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है।
पूर्व में गुरुकुल परंपरा थी, गुरुओं के पास रहकर बालक शिक्षा ग्रहण करते थे। वे गुरुओ का आदर, सत्कार एवं सम्मान करते थे।
पूर्ण विद्या प्राप्त करने के बाद में वे अपने कार्यक्षेत्र में जाते थे।
गुरु ब्रह्मा गुरुर विष्णु" श्लोक है:
"गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः॥"
इस श्लोक का अर्थ है कि गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु और गुरु ही शिव (महेश्वर) हैं। गुरु ही साक्षात परब्रह्म हैं, ऐसे गुरु को मेरा नमस्कार है।

# यानी सच्चे गुरु की महिमा अपरंपार होती है उसका मान सम्मान देवताओं के समान होता है #

हमारे पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के
रूप में मनाया जाता है।

शिक्षकों का स्थान सर्वोपरि माना गया है। कहते हैं वकील की गलती फाइलों में दब जाती है। इंजीनियर की गलती सीमेंट में दब जाती है। लेकिन एक शिक्षक की गलती पूरे राष्ट्र में उजागर होती है। इसलिए शिक्षक की गरिमा , कार्यशैली, उत्तरदायित्व, भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह दिवस हमारे जीवन के उन महत्वपूर्ण व्यक्तित्वो के प्रति सम्मान, प्रतिज्ञा और प्रेम व्यक्त करने का एक अवसर है। जो हमें शिक्षा और मार्गदर्शन देते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि समाज के निर्माण में शिक्षकों का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।

उनकी शिक्षा के प्रति गहरी निष्ठा ही एक अच्छे युवा छात्र का निर्माण करती है! एक अच्छा / संस्कारित छात्र ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।

एक बच्चे के जीवन में माता-पिता के बाद सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है। शिक्षक केवल किताबें नहीं पढाते, बल्कि वह छात्रों के जीवन मूल्य, नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ भी सिखाते हैं। वे छात्रों मे छिपी हुई क्षमताओं को पहचानने और उन्हें सही दिशा में ले जाने में मदद करते हैं। एक शिक्षक‌ का प्रभाव केवल कक्षा तक सीमित नहीं होता है। बल्कि वह छात्रों के जीवन भर के निर्णय और सोच को भी प्रभावित करता है। शिक्षक एक मूर्तिकार की तरह होता है, जो कच्चे पत्थर को तरास कर एक सुंदर और मूल्यवान कलाकृति के रूप में बदल देते हैं।

आधुनिक युग में शिक्षकों की भूमिका और भी चुनौती पूर्ण हो गई है ।आज उन्हें केवल पारंपरिक ज्ञान देने के बजाय छात्रों को आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान और रचनात्मक जैसे 21वीं सदी के कौशल सीखाने होते हैं। तकनीकी प्रगति के इस दौर में शिक्षक छात्रों को इंटरनेट और सूचना के इस महासागर में सही और गलत की पहचान करने में भी मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार, सम्मान व्यक्त करें। यह ऐसा दिन है, जब हम रुक कर उन सभी गुरुओं को याद करते हैं। जिन्होंने हमें रास्ता दिखाया है। चाहे वह स्कूल के शिक्षक हो ,कॉलेज को प्रोफेसर हो या जीवन के किसी भी पड़ाव पर हमें कुछ सीखाने वाले व्यक्ति हो।
इस दिन हमें यह सोचना चाहिए कि हम शिक्षकों के महत्व को कैसे बढ़ा सकते हैं।
शिक्षक दिवस एक प्रतिज्ञा है। यह हमें याद दिलाता है कि एक राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों की शिक्षा पर निर्भर करती है। इस शिक्षा की बागडोर हमारे शिक्षकों के हाथ में है। शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षक तीनों एक दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं। जो समाज के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

शिक्षक वह व्यक्ति है जो अपने ज्ञान, अनुभव और कौशल से दूसरों को शिक्षित करता है। शिक्षक का काम सिर्फ पाठ्यक्रम पढ़ाना नहीं है, बल्कि छात्रों को जीवन के मूल्यों, अनुशासन और नैतिक शिक्षा के बारे में भी बताते हैं। सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन केवल एक उच्च कोटि के राजनेता ही‌ नही थे बल्कि वे एक आदर्श शिक्षक भी थे।
समाज में शिक्षकों का स्थान बहुत ऊंचा होना चाहिए।
वह ही राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। जब उनके शिष्य और मित्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी तो उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा कि उनके जन्मदिन को अलग से मनाने की बजाय अगर इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो उन्हें ज्यादा खुशी होगी। उनका यह विचार उनकी शिक्षा और शिक्षकों के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है। यह एक ऐसा कदम था, जिसने शिक्षकों के सम्मान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।
आज के दिन हर विद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह मनाया जाता है। विद्यालयों में छात्र-छात्राएं शिक्षक की भूमिका एवं उत्तरदायित्व निभाती है। उनको शिक्षको के दायित्वों का ज्ञान कराया जाता है। जो शिक्षक के क्षेत्र में बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। जिससे बालकों में उत्साह, प्रोत्साहन एवं अभिव्यक्ति व्यक्त करने व‌ नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
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*देश के सभी #अभिभावकों, #शिक्षकों, #शिक्षार्थियो, #शिक्षण_संस्थान_संचालकों और समस्त #शिक्षा_प्रेमियों को "ऑल इंडिया स्टूडेंट्स वेलफेयर काउंसिल" की तरफ से "शिक्षक दिवस" - 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई!*

#Education #Teachersday #शिक्षकदिवस
#Schools #Colleges #UGC #यूनिवर्सिटीज #ABVP

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नरेश कुमार शर्मा "दिल्ली नरेश"
"संस्थापक एवं चेयरमैन"
*All India Students Welfare Council*
*"ऑल इंडिया स्टूडेंट्स वेलफेयर काउंसिल"*

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