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स्वास्थ्य जनजागरूकता हेतु सामाजिक कार्यकर्ता को दिया गया प्रशिक्षण

आज दिनांक 09/09/2025 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाढ़ के अंतर्गत अनुमंडल अस्पताल बाढ़ में गावी प्रोजेक्ट के तहत पी.सी.आई. संगठन के द्वारा नियमित टीकाकरण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण में प्रखंड के दस चिन्हित गावों के वार्ड सदस्य,विकास मित्र,पंजीकृत चिकित्सक व्यवसायी(RMP),सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हुए।पीसीआई के प्रखंड समन्यवयक नवकुंज कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण करवाने से बच्चों में 12 गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।प्रतिभागियों से अपील किया कि वे अपने गांवों में वैसे परिवार को जागरूक करने का काम करें जो अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं करवाते हैं।यूनिसेफ की मैडम फ़ातिमा के द्वारा नियमित टीकाकरण से लाभ तथा गावों में वार्ड मेम्बर,विकास मित्र,RMP एवं सामाजिक कार्यकर्ता की टीकाकारण में उनकी भूमिका, जिम्मेदारियों एवं इनकार परिवार से बातचीत के तौर तरीके के बारे में बताया एवं इसके लिये बातचीत कौशल विकसित करने एवं बच्चों में बीमारियों से बचाव हेतु नियमित टीकाकरण के जानकारी से संबंधित टूल भी प्रदाम किया गया जिसकी मदद से वे अपने क्षेत्र में टीकाकरण हेतु जागरूकता बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उषा रानी के द्वारा बताया गया कि यह पीसीआई के द्वारा एक बहुत ही अच्छी पहल है जिसके दौरान गांव के ही वार्ड सदस्य,विकास मित्र,सामाजिक कार्यकर्ता को चिन्हित कर उनको प्रशिक्षण देकर टीकाकरण से इंकार परिवार को मोबलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है।मौके पर यनीसेफ के BMC सूरज भानु एवं रौशन कुमार के द्वारा भी बच्चों में बीमारी,बचाव,एवं टीकाकरण से दूरगामी फायदे के बारे में बताया गया।
इस मौके पर वार्ड सदस्य कौशल पासवान,विकास मित्र सोनी कुमारी,सवीना खातून,RMP राम कुमार निरंजन,रामवाली पंडित,लोकेश कुमार देव,सामाजिक कार्यकर्ता रीना देवी,शहनाज वानो आदि उपास्थित रहे एवं भविष्य में इस प्रकार की प्रशिक्षण में भाग लेकर सामुदायिक जागरूकता फैलाने में योगदान देने की बात कही गयी।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना और बच्चों को समय पर टीकाकरण को सुनिश्चित करवाना है।
प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष सेन के द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बताया गया कि इस तरह के प्रशिक्षण से प्रतिभागियों में संवाद कौशल का विकास होगा साथ ही साथ सामुदायिक भागीदारी से अभियान सफल होगा और क्षेत्र में शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा एवं ज़ीरो डोज से छूटे बच्चे के आंकड़े को जीरो कर सकते है।

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