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*सरकारी जमीन से लेकर आदिवासियों की जमीन तक महसूस नहीं, माफिया का तांडव बदस्तूर जारी* *विजयराघवगढ़ के ग्राम जंगल पुरेंनी का मामला*



विजयराघवगढ़- जिले में माफिया का बोलबाला साफ है कहीं सरकारी तो कहीं निजी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ कर सरकारी जमीन से लेकर लोगों की निजी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं विगत दिनो विजयराघवगढ़ के ग्राम जंगल पुरेंनी में एक व्यक्ति द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने की खबर मिली थी वही आप इसी व्यक्ति द्वारा कुछ आदिवासियों की जमीन कब्जे करने का मामला सामने आया है जिसकी शिकायत आदिवासियों ने विजयराघवगढ़ तहसीलदार से की है

विजयराघवगढ़ के ग्राम जंगल पुरैनी में कई पट्टाधारी आदिवासी किसानों की जमीन गांव के लखन सिंह रघुवंशी ने अपना हक जमाते हुए उनके खेत से बेदखल कर दिया है गांव के परदेसी कोल, डोमारी कोल, मीरा कोल, रामबाई, अरुण फूलाबाई ने बताया कि हम सभी लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण हमारे द्वारा मजबूरी में लाखन सिंह को अपनी जमीन गहन रख दिया था परंतु उसमें कुछ शर्तें थी की गहन रखने के बाद जमीन मैं फसल निकालने के बाद पैसा कांटे जाएंगे लेकिन उन्होंने पैसा ना काटकर हमारी जमीन को लाखन सिंह व राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत करते हुए हम हरिजन आदिवासियों की भूमि धोखे से अपने नाम पर दर्ज कर ली है जिसके लिए आदिवासियों ने विजयराघवगढ़ तहसीलदार को एक ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर उक्त जमीन को खाली करने का आग्रह किया है बताया जाता है कि लखन सिंह रघुवंशी द्वारा बड़े पैमाने में सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कभी भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे दबंग के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं

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