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जनपद में 102300 पशुओं को लगा लम्पी स्कीन डिजीज वैक्सीन,1900 पशुओं का हुआ उपचार

देवरिया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी देवरिया डॉ अरविन्द कुमार वैश्य ने जानकारी दी है कि जनपद को अब तक कुल 155000 डोज एल.एस.डी. वैक्सीन प्राप्त हुई है तथा 21वीं पशुगणना के अनुसार कुल 150934 गोवंश अनुमानित है। दिनांक 13 सितंबर तक कुल प्रगति 102300 डोज लगाई जा चुकी है। जनपद में 16 विकास खण्ड स्तरीय पशु चिकित्सालयों पर 141900 डोज गोवंश की संख्या के अनुसार आपूर्ति कर दी गयी है। 39600 वैक्सीन आज की तिथि में पशु चिकित्सालयों पर अवशेष हैं। जनपद में कुल 148 ई.पी.सेन्टर है, जनपद में उक्त बीमारी से संक्रमित गोवंशों की संख्या 1900 है, जिसमें से 1370 गोवंश संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं। वर्तमान में एल.एस.डी. बीमारी से संक्रमित गोवंशों की संख्या 530 है, जिनकी निरन्तर चिकित्सा एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। जनपद में कुल 1174 ग्रामों में बिहार बार्डर पट्टी के 165 ग्राम हैं, जिनमे एल.एस.डी. टीकाकरण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है तथा बिहार बार्डर पट्टी के बाहर 1009 ग्रामों में से 830 गांवों में रिंग वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा केन्द्रीय भण्डार में 13100 वैक्सीन उपलब्ध हैं। वर्तमान समय में कुल 179 गांवों में टीकाकरण करना अभी अवशेष है। जिनमें युद्ध स्तर पर टीकाकरण का कार्य चल रहा है। वर्तमान समय में निदेशक, प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग, उ.प्र.लखनऊ के आदेशानुसार गैर जनपदों से 18 पशु चिकित्साविद एवं 10 पशुधन प्रसार अधिकारी जनपद में टीकाकरण एवं चिकित्सा कार्य हेतु लगाये गये थे, जिनके द्वारा टीकाकरण एवं बीमार गोवंशों का चिकित्सा कार्य विगत 06 दिनों से किया गया। जिससे अब स्थिति नियंत्रण में है। सभी विकास खण्डों पर 16 टीम लगातार टीकाकरण, चिकित्सा एवं अनुश्रवण कार्य कर रही है। आपात स्थिति को देखते हुए दिनांक 14 सितंबर से मोबाईल वेटनरी यूनिट की 5 वाहन की सेवाएं 1962 नम्बर से अग्रीम आदेश तक आपात कालीन सेवाएं निरन्तर देंगी। इस आशय का निर्देश प्रमुख सचिव महोदय, पशुधन एवं निदेशक, प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग ने दिनांक 13 सितंबर को विडियों कांफ्रेंसिंग के द्वारा जारी किये हैं। एल.एस.डी. बीमारी जानलेवा नहीं है, यह केवल गोवंशों को पीड़ित करती है तथा लगभग 15 दिन से 1 माह तक में पूर्ण रूप में ठीक हो जाती है,इस बीमारी से मृत्यु दर 1 प्रतिशत से भी कम है, तथा गोवंशो में केवल 7 प्रतिशत में ही लम्पी के लक्षण प्रकट होते है। मनुष्यों में यह संक्रमण नहीं फैलता है। सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी जनपद देवरिया अपने अपने क्षेत्र में लम्पी से संक्रामक रोग के रोकथाम में वेक्टर कन्ट्रोल, फागिंग, सेनिटाईलेशन, एवं बिमारी के ईपी सेन्टर पर आवागमन को प्रतिबन्धित करने हेतु अवगत कराया गया है। अफवाहों पर ध्यान न दें,सतर्क रहें, धैर्य रखे तथा बिमारी के प्रकृति एवं उसके प्रबन्धन हेतु राजकीय पशु चिकित्सालयों पर सम्पर्क कर उचित बैज्ञानिक सलाह के अनुसार चिकित्सा करायें, अंधा धुन्ध एलोपैथिक दवाओं का विशेष तौर पर कार्टिकोस्टेराइड एवं उच्च एन्टीबायोटिक का कतई प्रयोग न करें। प्रतिदिन गुगल मिटिंग कर रोग नियंत्रण की समीक्षा की जाती हैं, स्थिति नियंत्रण में है वैक्सीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

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