
मुजफ्फरपुर में सहारा पीड़ितों की बैठक संपन्न सहकारिता मंत्री पर गंभीर आरोप, पटना हाईकोर्ट में याचिका और बिहार चुनाव में भाजपा विरोध का ऐलान।
मुजफ्फरपुर, बिहार,14 सितंबर 20235:
सहारा पीड़ितों की एक महत्वपूर्ण बैठक आज मुजफ्फरपुर जिला कांग्रेस भवन में आयोजित हुई। बैठक में बड़ी संख्या में सहारा निवेशक, महिला-पुरुष पीड़ित और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक की रूपरेखा:
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष जूही प्रीतम ने की, जबकि संचालन कांग्रेस विधायक के.एन. झा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा मुख्य अतिथि रहे।
बैठक में संयुक्त सचिव सोनेलाल साह, संयुक्त सचिव अशोक कुमार राम, आयोजक दिलीप श्रीवास्तव तथा विधायक विजेंद्र चौधरी की भी विशेष उपस्थिति रही।
गंभीर आरोप और सवाल:
नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने सहकारिता मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सहारा भुगतान मामले में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।
उन्होंने प्रश्न किया कि जब सहारा-सेबी खाते में 20 हज़ार करोड़ रुपये जमा हैं, तो निवेशकों को पूरा भुगतान क्यों नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि सहारा समूह की संपत्तियों को जब्त कर अम्बी वल्ली से वसूली क्यों नहीं की गई।
पटना हाईकोर्ट में याचिका:
बैठक में बताया गया कि विश्व भारती जनसेवा संस्थान पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा, जिसमें सहारा द्वारा बेची गई जमीनों की जांच, सभी संपत्तियों की जब्ती और बिहार के निवेशकों को प्राथमिकता से भुगतान की मांग की जाएगी।
चुनावी विरोध का ऐलान:
आयोजक दिलीप श्रीवास्तव ने घोषणा की कि वे आगामी चुनावों में भाजपा और नीतीश कुमार का विरोध करेंगे।
नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने भी स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव में सहकारिता मंत्री अमित शाह और भाजपा का सशक्त विरोध किया जाएगा।
आगे की रणनीति:
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि—
जिला स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर धरना-प्रदर्शन और पदयात्रा की जाएगी।
सहारा पीड़ितों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा।
सभी निवेशकों से एकजुट होकर संघर्ष जारी रखने की अपील की गई।
व्यापक उपस्थिति:
बैठक में सहारा पीड़ित महिला-पुरुषों के साथ-साथ कांग्रेस, वामपंथी दलों और अन्य राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेता भी शामिल हुए।
संकल्प:
जब तक सहारा पीड़ितों को उनका पूरा धन वापस नहीं मिलेगा, आंदोलन और संघर्ष निरंतर जारी रहेगा