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देश के वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र तोमर आज से बने मोटिवेशनल गुरु भी।

लखनऊ : दैनिक भास्कर के उत्तर प्रदेश के राज्य संपादकीय व ब्यूरो प्रमुख हेमेंद्र तोमर अब सोशल मीडिया पर रील के माध्यम से मोटिवेशनल गुरु के अवतार में भी दिखने जा रहे हैं। उनका आज रविवार से फेसबुक के उनके अपने पेज और दोनों प्रोफाइल पर कुल चार मोटिवेशनल मंत्र से इसकी शुरुआत हो गई है।
देश के ख्याति लब्ध पत्रकारों में शुमार श्री तोमर की पहचान गंभीर और सुलझे हुए सकारात्मक पत्रकारों के रूप में होती है। राष्ट्रीय स्वरूप, स्वतंत्र भारत, राजस्थान पत्रिका, जैन टीवी, दैनिक जागरण, वॉयस ऑफ लखनऊ आदि विभिन्न समाचार पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से अपनी पत्रकारीय पारी के 3 दशकों से योगदान करने के साथ उनकी इस नई अतिरिक्त भूमिका को भी सराहा जा रहा है। श्री तोमर का वर्ष 2007 से दूरदर्शन में समाचार वाचक और न्यूज एंकर के रूप में 2023 तक योगदान अनवरत रहा। श्री तोमर को अपने ओजस्वी विचारों के लिए जाना जाता है। इसके पहले वह उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और संबंधित विषयों के लिए परामर्शदाता/मार्गदर्शक के रूप में वर्ष 2005 से 2018 तक संबद्ध भी रहे। अर्थशास्त्र, पत्रकारिता व जनसंचार, मैनेजमेंट के परास्नातक, विधि स्नातक व शिक्षण में स्नातक होने के साथ दर्जनों परास्नातक डिप्लोमा आदि के धारक श्री तोमर के प्रशंसक और समर्थकों की एक लंबी चौड़ी फौज है।
मूलतः मानवतावादी और राष्ट्र प्रथम के विचारक श्री तोमर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक रज्जू भैया और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अधीश जी को अपना वैचारिक अधिष्ठाता मानते हैं। आज भले ही रज्जू भैया और अधीश जी इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन श्री तोमर मानते हैं कि राष्ट्र प्रथम और धर्म सर्वोत्तम की अवधारणा इन्हीं से सबसे पहले प्राप्त हुई।
अपने सीतापुर जन्मस्थली से लेकर क्रमशः पडरौना व फाजिलनगर (अब दोनों स्थान कुशीनगर के हिस्से हैं), गजरौला (अब ज्योति बा फुले नगर का हिस्सा है) और फिर कानपुर के बाद अब लखनऊ में 1991 से निवास कर रहे श्री तोमर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए सर्वाधिक बार साक्षात्कार लेने का सारस्वत गौरव हासिल है। गीता को अपने जीवन की आधार पुस्तिका मानते हुए वह सीनियर आईएएस वेंकटेश्वर लू के आग्रह पर मिशन कर्मयोगी में विभिन्न स्तर के अधिकारियों को जीवन का सार बताने के लिए भी वह कई बार गए।
भारतीय वैदिक परम्पराओं के प्रबल हिमायती श्री तोमर के संकल्प में विकसित भारत की योजना के आगे का लक्ष्य अखंड भारत की पुनर्स्थापना की कार्य योजना है। वह कहते हैं कि इसीलिए उन्होंने भारत तिब्बत समन्वय संघ की स्थापना की है ताकि चीन से मुक्ति तब तक रुकी है जब तक कि तिब्बत का भारत में विलय की बात 14वें दलाई लामा नहीं बोलना शुरू करते। इसी तरह 370 हटने के बाद भी कश्मीर की समस्या का निराकरण के लिए वह सरकारी भूमि के कब्जे को हटा कर तत्काल सभी स्थानों पर सिखों और राजपूतों को नहीं बसा देते। साथ ही, उनका मानना है कि बढ़ते डेमोग्राफिक (जनांकिकीय) परिवर्तन से हिंदुओं की घटती आबादी का समाधान वह मानते हैं कि हर हिंदू महिला को कम से कम 4 या 5 बच्चे पैदा करने शुरू कर देना होगा अन्यथा इस देश में भी हिंदुओं की वर्तमान नस्ल अंतिम ही मानी जाएगी। उनका मानना है कि गुरुकुल पद्धति के आवासीय विद्यालयों को सरकार स्थापित करना प्रारंभ कर दे। तत्काल हर जिले में कम से कम 100 गुरुकुल खुलने जरूरी हैं और उसमें पढ़ने वालों को सभी विषयों की और शास्त्रों का ज्ञान देने के साथ शस्त्र विद्या भी प्रदान की जाए। इस के बाद, प्रत्येक हिंदू स्नातक विद्यार्थी को 3 वर्ष की सैन्य सेवा के लिए भी नियमबद्ध किया जाए।
ऐसे असंख्य विचारों के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की अपने राष्ट्र और धर्म के प्रति प्रखरता और मुखरता भाती है। वह कहते हैं कि चाणक्य के बाद इस धरा को एक दूसरा ऐसा चाणक्य मिला है, जो चाणक्य भी है और चंद्रगुप्त की भूमिका में भी है, जो कि बहुत जटिल कार्य है लेकिन देश में सनातन कल्याण के लिए लगातार लगे योगी को वह इस समाज से उन्हें आदर्श मानने का आह्वान करते हैं। योगी के बेहद चर्चित इंटरव्यू "मैं कभी बैकफुट पर नहीं जाता" के साक्षात्कारकर्ता श्री तोमर कहते हैं कि यह वर्तमान काल करो या मरो का है और सबको बहुत सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि समाज में सभी को उनकी जिम्मेदारी और कर्त्तव्यपालन का पाठ पढ़ाने के लिहाज से ही सोशल मीडिया पर मोटिवेशनल मंत्र देने का भी कार्य उन्होंने रविवार से शुरू कर दिया है, जिसका श्रेय वीडियो एडिटर विवेक और संपादकीय विभाग के प्रमुख प्रांजल वर्मा उपाख्य शानू के हठ को जाता है।

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