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मा . संपादक आईमा मिडीया

मा . संपादक
आईमा मिडीया
सप्रेम नमस्कार🙏
मैंने लिखी हुयी न्युज मे संपादन करते समय बहुत बार मूल वाक्य का अर्थ छोड कर अन्यार्थप्रकाशीत होता है । ऐसा क्यूँ होता है ये समझ नही आ रहा । मै तो सोच समझकरलिखता हु । कृपा करके कई वाक्य का अन्य असंबंधीत अर्थ प्रकट होता है । उसका परीणाम मेरी सामाजिक लेखन प्रतिष्ठा पर पड़ता है ।
विनती है की मेरे लेखन का मूलार्थ संपादन करते समय न छोड़े । मूलार्थ और आपका संपादनके बाद की रचना का अर्थ एक ही आये ऐसी बिनती है ।
श्री संजय गिते .

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