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योगी सरकार के दावों पर पानी फेरता मेरठ नगर निगम, नागरिक अंधेरे में जीने को मजबूर


मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ प्रदेश के हर गाँव और शहर को प्रकाशमय बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं मेरठ नगर निगम की कार्यशैली इन दावों पर सवाल खड़े कर रही है।

माधवपुरम सेक्टर-2 निवासी गौरव कुमार गौड़ ने बताया कि उनके मकान के पास की स्ट्रीट लाइट एक वर्ष पहले तक लगी हुई थी, लेकिन खराब होने के बाद आज तक पुनः नहीं लगाई गई। उन्होंने कई बार नगर निगम से शिकायत की, पर हर बार निराशा ही हाथ लगी।

आख़िरकार परेशान होकर गौरव कुमार गौड़ ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की। इसके जवाब में नगर निगम ने पत्र लिखकर सूचित किया कि उनके पास नई स्ट्रीट लाइट उपलब्ध नहीं है, लाइट उपलब्ध होते ही लगाई जाएगी।

यह जवाब सुनकर लोगों में गहरी नाराज़गी है। करोड़ों रुपये की योजनाओं के बीच नगर निगम का यह तर्क न केवल हास्यास्पद है, बल्कि प्रदेश सरकार के दावों को भी झुठलाता है।

एक वर्ष तक शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान न होना मेरठ नगर निगम की अकर्मण्यता और उदासीनता का स्पष्ट प्रमाण है। क्षेत्रवासी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं और अब सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री की योजनाएँ केवल कागज़ों तक सीमित हैं?

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