वेबसाइट पर *रजिस्टर करें* मुफ़्त गीता सीखें 18 दिन मे 👇आज इन्दिरा एकादशी को 22 दिन के बाद माता #वैष्णो_देवी यात्रा शुरू हो गई ।
माता #वैष्णो_देवी यात्रा शुरु ।आज बुधबार,17 सितंबर 2025 को 22 दिन के बाद माता #वैष्णो_देवी की यात्रा शुरू हो गई ।माता #वैष्णो_देवी यात्रा शुरू होने से #श्रद्धालुओं में भारी उत्साह, हर तरफ जय माता दी के जय घोष गूंज रहे हैं ।
इन्दिरा एकादशी व शिल्पकला कौशल में सर्वोच्च एवं श्रृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
भगवान श्री हरि विष्णु आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। एकादशी पे इस्कॉन® कुलाई, मैंगलोर, द्वारा भगवद गीता के 700 श्लोको का एक विशेष पाठ होता है आज का लाइव यूट्यूब रिकॉर्डिंग लिंक 👉
https://www.youtube.com/live/eb70ydsOa80?si=6lzoY38QmLDq9UPS
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हरे कृष्ण इस्कॉन® कुलाई, मैंगलोर, की वेबसाइट पर *रजिस्टर करें* अपनी भाषा में ऑनलाइन माध्यम से मुफ़्त गीता सीखें 18 दिन मे 👇
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद और हमारी गुरुपरंपरा की जय हो।"संदर्भ: भगवद् गीता 4.1- 4.3। क्या आपको पता है अर्जुन से भी पहले भगवत गीता का ज्ञान करोडो वर्ष पहले सूर्य देव को दिया गया था?
https://aimamedia.org/newsdetails.aspx?nid=496696&y=1
गुरु और गुरुंग के कृपालु आशीर्वाद से, हमें 6 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले कोर्स L1 - बैच 58 के शुभारंभ की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
आइए कृष्ण के प्रेम को दूर-दूर तक फैलाते रहें -
कृपया इस अद्भुत अवसर को अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें।
अपनी अमूल्य सेवा पूरी श्रद्धा से अर्पित करते रहें!
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👉प्रि-भक्ति शास्त्री पाठ्यक्रम (Pre Bhakti Shastri Course)
• अनुशासित प्रयासों के साथ तीन साल का कोर्स
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एक भक्त को इस बात में कोई रुचि नहीं होती है, कि उसे स्वर्ग जाना है अथवा नर्क। भक्त के लिए तो वहीं ईश्वर के साम्राज्य का विस्तार होता है, जहां उसे भगवान की सेवा करने का अवसर मिल सके।
(श्रील प्रभुपाद,17 सितंबर 1975, वृंदावन)
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आजकल तीसरे-चौथे दर्जे के लोग राष्ट्रपति और राजा की वेशभूषा में घूम रहे हैं, किन्तु उनका कार्य नागरिकों का धन लूटना तथा गायों की हत्या करना है। ऐसे हैं कलियुग के राजा। राजा के कपड़े परन्तु अन्दर से शूद्र। गौ-हत्या में बिल्कुल दक्ष।
(श्रील प्रभुपाद, वृन्दावन, 17 सितम्बर 1976
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"यदि आप लापरवाही से जप करते हैं, तब भी सफलता मिलती है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा। और यदि आप बहुत सावधानी से, नियमों और विनियमों का पालन करते हुए जप करते हैं, तो इस जीवन में आपकी सफलता सुनिश्चित है। इसलिए हम अपना चुनाव कर सकते हैं, क्योंकि कृष्ण हमें हमेशा अपना चुनाव करने का अवसर देते हैं।"
(श्रील प्रभुपाद, वृन्दावन, 17 सितम्बर 1976 )
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👉 इस्कॉन® कुलाई, मैंगलोर,की ओर से भगवद् गीता L-1 बैच (Hindi) Online Class यूट्यूब रिकॉर्डिंग लिंक -
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👉 इस्कॉन® कुलाई, मैंगलोर,की ओर से भगवद् गीता L-2 बैच (Hindi ) Online Class यूट्यूब रिकॉर्डिंग लिंक -
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Bhagavad Gita Verse Of the Day: Chapter 11, Verse 43👇
पितासि लोकस्य चराचरस्य
त्वमस्य पूज्यश्च गुरुर्गरीयान् |
न त्वत्समोऽस्त्यभ्यधिक: कुतोऽन्यो
लोकत्रयेऽप्यप्रतिमप्रभाव || 43||
पिता-पिता; असि-आप हैं; लोकस्य–पूर्ण ब्रह्माण्ड; चर-चल; अचरस्य–अचल; त्वम्आप हैं; अस्य-इसके; पूज्य:-पूज्यनीय; च-भी; गुरु:-आध्यात्मिक गुरु; गरीयान्–यशस्वी, महिमामय; न–कभी नहीं; त्वत्-समः-आपके समान; अस्ति-है; अभ्यधिक:-बढ़ कर; कुत:-किस तरह सम्भव है; अन्य:-दूसरा; लोक-त्रये तीनों लोकों में; अपि-भी; अप्रतिम-प्रभाव-अतुल्य शक्ति के स्वामी।
Translation👇
BG 11.43: आप समस्त चर-अचर के स्वामी और समस्त ब्रह्माण्डों के जनक हैं। आप परम पूजनीय आध्यात्मिक गुरु हैं। हे अतुल्य शक्ति के स्वामी! जब तीनों लोकों में आपके समतुल्य कोई नहीं है तब आप से बढ़कर कोई कैसे हो सकता है।
Commentary👇
अर्जुन कहता है कि श्रीकृष्ण महानतम और सर्वश्रेष्ठ हैं। पिता पुत्र से सदैव जयेष्ठ होता है। श्रीकृष्ण सभी जनकों के जनक हैं। समान रूप से वे विद्यमान सभी आध्यात्मिक गुरुओं के गुरु हैं। स्रष्टा ब्रह्मा प्रथम आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने अपने शिष्यों को ज्ञान दिया और जो गुरु परम्परा के अंतर्गत निरन्तर जारी रहा। किन्तु ब्रह्मा ने श्रीकृष्ण से वैदिक ज्ञान अर्जित किया था। श्रीमद्भागवत् (1.1.1) में उल्लेख है- "तेने ब्रह्म हृदा य आदिकवये" अर्थात् श्रीकृष्ण ने प्रथम जन्मे ब्रह्मा के हृदय में वैदिक ज्ञान प्रकट किया। इसलिए वे परम आध्यात्मिक गुरु हैं। श्वेताश्वतरोपनिषद् में उल्लेख है-
न तत्समश्चाभ्यधिकश्च दृश्यते (श्वेताश्वतरोपनिषद्-6.8)
"भगवान के समतुल्य कोई नहीं है और न ही कोई उनसे श्रेष्ठ है।" श्रीकृष्ण वेदों के ज्ञाता हैं यह मानकर अर्जुन उनके संबंध में उपर्युक्त गुणों का वर्णन कर रहा है।
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हरे कृष्ण इस्कॉन® कुलाई, मैंगलोर,की ओर से मंगल आरती सुबह 👉@4:30 बजे प्रतिदिन , महामंत्र जप सत्र सुबह 👉@ 5:00 बजे प्रतिदिन ,दर्शन आरती प्रातः👉 @7:10 बजे प्रतिदिन, भागवतम् क्लास संध्या काल👉@7:30 बजे प्रतिदिन, ऑनलाइन ज़ूम लिंक के माध्यम से शामिल हो।
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भागवतम् क्लास (_*सभी भाषाओं में अनुवाद*_ )
प्रातः काल@ 8:00 बजे ,प्रतिदिन ऑनलाइन ज़ूम लिंक के माध्यम से शामिल हों !
ज़ूम लिंक:
https://us02web.zoom.us/j/83155853450?pwd=pmWl5YVZyv5hRf17QggM5RgQn8POHD.1
मीटिंग आईडी: 83155853450
पासवर्ड : 108
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मंगलाचरण 👇
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
1) ॐ अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जलाकया ।
चक्षुरुन्मिलितं येन तस्मै श्रीगुरुवे नम: ।।
श्री चैतन्यमनोऽभीष्टं स्थापितं येन भूतले ।
स्वयं रूप: कदा मह्यंददाति स्वपदान्न्तिकम् ।।
2) वन्देऽहं श्रीगुरो: श्रीयुतपदकमलं श्रीगुरुन् वैष्णवांचश्र ।
श्रीरूपं साग्रजातं सहगणरघुनाथनविथं तं सजीवम् ।।
सद्वैतं सावधूतं परिजनहितं कृष्णचैतन्यदेवं ।
श्रीराधाकृष्णपादान सहगणललिताश्रीविशाखानन्विताशार्च ।।
3) हे कृष्ण करुणासिन्धो दीनबन्धो जगत्पते ।
गोपेश गोपिकाकान्त राधाकान्त नमोऽस्तु ते।।
तप्तकाञ्चनगौरंगी राधे वृंदावनेश्वरी।
वृषभानुसुते देवि प्रणमामि हरिप्रिये।
4) वाञ्छाकल्पतरुभ्यश्र्च कृपासिंधुभय एव च।
पतितानां पावनेभ्यो वैष्णवेभ्यो नमो नामः ।।
जय श्रीकृष्ण-चैतन्य प्रभु नित्यानन्द।
श्रीअद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौरभक्तवृन्द।।
5) नम ॐ विष्णु-पादाय कृष्ण-प्रेष्ठाय भूतले
श्रीमते भक्तिवेदांत-स्वामिन् इति नामिने ।
नमस्ते सारस्वते देवे गौर-वाणी-प्रचारिणे
निर्विशेष-शून्यवादि-पाश्चात्य-देश-तारिणे ॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
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*तुलसी प्रणाम मंत्र*👇
वृन्दायै तुलसी देवयायै प्रियायै केशवस्य च।
कृष्णभक्ति प्रद देवी सत्यवत्यै नमो नमः॥
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*वैष्णव प्रणाम मंत्र*👇
वाञ्छाकल्पतरुभ्यश्र्च कृपासिंधुभय एव च।
पतितानां पावनेभ्यो वैष्णवेभ्यो नमो नामः ।।
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आज त्रिकुटा पर्वत" से अद्भुत प्राकृतिक पावन दिव्य पिंडी स्वरूप जगजननी माँ वैष्णोदेवी जी के प्रात: काल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन करे । जय माता दी।
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महामंत्र 👉हरे कृष्ण हरे कृष्ण , कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम , राम राम हरे हरे।।
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हार्दिक शुभकामनाएं,
Jeetendra Sharan 🤳
🌐https://omtext.wixsite.com/inaryavart
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