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मुबारिकपुर तिगांई में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन ध्रुव, प्रह्लाद व श्रीकृष्ण जन्म प्रसंगों का रसपूर्ण वर्णन

खतौली:- मुबारिकपुर तिगांई गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन अत्यंत ही भावपूर्ण और मनमोहक रहा। कथा व्यास आचार्य श्री कुलदीप कृष्ण जी महाराज ने भक्त ध्रुव, भक्त प्रह्लाद, कर्दम-शतरूपा प्रसंग तथा श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंगों का रसपूर्ण वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महाराज श्री ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार ध्रुव ने छोटी आयु में अपमान सहने के बाद वन में कठोर तपस्या की और भगवान की असीम कृपा से ध्रुवपद की प्राप्ति कर भक्तिभाव की अमर मिसाल कायम की। इसके बाद प्रह्लाद प्रसंग में उन्होंने कहा कि असुर कुल में जन्म लेने के बावजूद प्रह्लाद ने विषम परिस्थितियों में भी भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यपु द्वारा दी गई यातनाओं के बीच भी प्रह्लाद अडिग रहे और अंततः भगवान नृसिंह ने प्रकट होकर भक्त की रक्षा की। कर्दम-शतरूपा प्रसंग में आचार्य श्री ने कर्दम ऋषि और देवहूति के जीवन का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान कपिल देव उनके पुत्र रूप में अवतरित हुए और उन्होंने सांख्य योग का उपदेश देकर मानवता को मोक्ष मार्ग दिखाया। कथा का सबसे हर्षोल्लासपूर्ण क्षण तब आया जब श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया गया। आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य के साथ ही पंडाल “नंद के घर आनंद भयो…” के जयकारों, घंटी-घड़ियाल और झूमते-नाचते भक्तों से गूंज उठा। जीवंत झांकियों ने इस दिव्य अवसर को और भी प्रभावशाली बना दिया। कथा श्रवण हेतु गांव और आसपास से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रमुख रूप से अक्षय चौधरी, इन्दु भूषण वर्मा, देवांश कुमार, मनीष कुमार, यशपाल सिंह, कमलेश देवी, पूजा देवी, इंदिरा देवी, अनीता देवी, उषा देवी ग्रुप आदि उपस्थित रहे।

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