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शब्द ब्रह्मा हैं और शब्द मुफ्त मिलते हैं.. पंडित ललित तिवारी।

बरेली निवासी कर्मकांडी पंडित ललित तिवारी ने आज शब्द ज्ञान पर बहुत ही अच्छा विचार रखा है.. जोकि समाज के लिए बहुतायत महत्वपूर्ण है.. तिवारी जी ने बताया कि शब्द ब्रह्म हैं और शब्द मुफ्त में मिलते हैं जिनके आचरण पर व्यक्ति विश्व विजेता विश्व प्रसिद्ध हो जाता है। व्यक्ति के शब्द चयन पर निर्भर करता है कि उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी, जिस तरह गन्ने में जहाँ गांठ होती है, वहाँ रस नहीं होता है और जहाँ रस होता है वहाँ गांठ नहीं होती है। बस ऐसा ही कुछ हमारा जीवन भी होता है, जो शब्द आचरण पर हमारे सामाजिक संबंध स्थापित करता है। इसलिये जीवन के संबंधो में हमेशा रस रखना है तो गांठ कभी नहीं पड़ेगी ! ज़ब शब्दों का चैन आचरण अच्छा होगा। शब्द ब्रह्म हैं जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को बनाने बिगाड़ने का कार्य सामाजिक जीवन में तय करते हैं... ✍️
दुनिया में हर स्तर पर, हर क्षेत्र में गलत को सही साबित करने की जद्दोजहद भी तनाव का एक प्रमुख कारण है सही को सही और गलत को गलत मानने का दृष्टिकोण यदि विकसित कर लिया जाए तो समस्याएं बहुत कम हो जाएंगी, इसमें सिर्फ दूसरों का ही नहीं खुद का विश्लेषण भी शामिल है !! जिसमें बस ब्रह्म शब्दों का चैन आचरण करना है..✍️
पंडित ललित तिवारी

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