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मार्केटिंग बोर्ड जींद में फर्जी बिल पास करवा किया 10 करोड़ का बड़ा घोटाला l अधिकारी काम नहीं करते घोटालों का तरीका ढूंढते है l 5 अधिकारी ससपेंड l

जींदः सरकार हमेशा वादा करती है कि हम भ्रष्टाचार विरोधी हैं और भ्रष्ट अधिकारीयों को बर्दास्त नहीं करेंगे I लेकिन 10 करोड़ का घोटाला होने के बाद प्रशासन की आँख खुलती है उससे पहले सरकार भी गहरी नींद. में होती है और प्रशासन भी l फिर भी हम यही कहेँगे देर आए दुरुस्त आए l हरियाणा के जींद जिले में मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों द्वारा 10 करोड़ रुपये के कथित गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में बोर्ड के पांच वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से ससपेंड कर दिया गया है। मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने यह कड़ा कदम उठाया है। अधिकारियों पर बिना कार्य पूर्ण किए ठेकेदारों को भुगतान करने और सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप है। इतना बड़ा घोटाला बिना किसी बड़े अधिकारी के इशारे पर नहीं हो सकता जिसने इन अधिकारीयों के फर्जी बिलों को पास किया हो इसलिए जाँच पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए I इसलिये उनको भी शामिल तफ्तीश कर कार्यवाही होनी चाहिए I

निलंबित अधिकारियों में

रवि नैन - सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ), नरवाना

रोशन लाल - सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ), नरवाना

सीमा देवी - सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ), रोहतक

नरेश तायल - जूनियर इंजीनियर (जेई), जुलाना

सुरेंद्र कुमार - जूनियर इंजीनियर (जेई), सफीदों

शामिल हैँ I

हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ( HSAMB ) के अंतर्गत कार्यरत इन अधिकारियों पर फर्जी बिलों और दस्तावेजों के आधार पर ठेकेदारों को भुगतान करने का आरोप है। जांच में पाया गया कि इनके द्वारा बिना किसी वास्तविक कार्य के लाखों रुपये के भुगतान किया गया, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस घोटाले ने न केवल बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि स्थानीय किसानों और व्यापारियों में भी आक्रोश पैदा हो गया है।


मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत निलंबन आदेश जारी कर दिए हैँ । विभागीय जांच शुरू हो चुकी है, और सूत्रों के अनुसार, इस मामले में सतर्कता विभाग या पुलिस की जांच भी संभव है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

यह घोटाला नरवाना, जींद और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में पारदर्शी जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की हैं। मुख्य आरोपी जिसके इशारे पर काम किया गया जिसने फर्जी बिलों को पास किया के खिलाफ भी गिरफ़्तारी की मांग की है l

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