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पहाड़ी की गुफा मे करीब 375 साल पुराना सरसा देवी मंदिर।


संवाददाता रितीक शर्मा


गोलाकाबास। कस्बे के समीप टहला- थानागाजी जाने वाले सड़क मार्ग के निकट पहाड़ी के अंदर चट्टान की गुफा मे बना सरसा देवी मंदिर बहुत सुंदर व रमणिक स्थान है भानगढ़,नारायणी धाम आने वाले देशी पर्यटक व स्थानीय तथा दूर दराज से भी श्रद्धालु देवी के मंदिर मे आते है।
ग्रामीणों के अनुसार 16 वीं सदी के उत्तरार्ध मे बसे भानगढ़ के समय का ही सरसा देवी मंदिर बना हुआ है लेकिन बुजुर्गो को यह ज्ञात नहीं है कि यह मंदिर किसने बनवाया था।
पंडित राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि शारदीय व चैत्र के नवरात्रि मे श्रद्धालु दर्शन करने आते है तथा घट स्थापना के साथ नवरात्रि के कार्यक्रम भी करते है कई श्रद्धालु सवामनी,चोटी,जडूले भी चढ़ाते है सन्न 1980 के बाद कुछ श्रद्धालुओं ने देवी के मंदिर का जीर्णोद्धार करवाकर प्राचीन खंडित प्रतिमा को हटाकर देवी की मार्बल की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा करवाई तथा वर्तमान मे मंदिर की देखरेख संरक्षण आदि का कार्य खंडेलवाल वैश्य समाज ने श्री सरसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर कर रहा है खंडेलवाल समाज के बढ़ाया,बुशर, माली व बावरिया गौत्र के लोग कुलदेवी के रूप मे मानते है मंदिर मे रोजाना सुबह शाम नियमित रूप से पूजा अर्चना की जाती है।

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