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उत्तराखंड की सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी पौडी गढ़वाल

ज्वालपा देवी मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो देवी दुर्गा को समर्पित है ।
यह मन्दिर नायर नदी के किनारे स्थित है।यह मंदिर पौड़ी-कोटद्वार मोटर सड़क पर स्थित है, और नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
मंदिर पौड़ी से लगभग 33 किलोमीटर और कोटद्वार से लगभग 70-75 किलोमीटर दूर है।
यह कोटद्वार-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जिससे यहां पहुंचना सुविधाजनक है।
ज्वाल्पा देवी दुर्गा को समर्पित एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ है।मान्यता है कि इसी स्थान पर मां पार्वती ने ज्वाला के रूप में इंद्र को दर्शन दिए थे।
मां ज्वालपा देवी की अखंड ज्योति यहां निरंतर जलती रहती है।
मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर, शिवालय, काल भैरव मंदिर और मां काली मंदिर जैसे कई अन्य छोटे मंदिर भी हैं।पश्चिमी नायर नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहां का वातावरण शांत और पवित्र है।
पौराणिक कथा के अनुसार आदि शंकराचार्य ने यहां आकर यहां तपस्या की थी। उनसे संतुष्ट होकर देवी यहां प्रकट हुईं।
स्कंदपुराण के अनुसार, सतयुग में दैत्यराज पुलोम की बेटी शची ने देवराज इंद्र को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए नायर नदी के किनारे ज्वाल्पा धाम में हिमालय की देवी मां पार्वती की तपस्या की थी।
माता पार्वती शची की तपस्या से प्रसन्न होती हैं और उनकी मनोकामना पूरी करती हैं।जिस कारण शची का विवाह इन्द्र से होता है। ज्वालपा स्थान के नाम से दीप ज्वलेश्वरी के रूप में प्रकट हुईं। आज भी ज्वाल्पा देवी अखंड जोत रूप मे विद्यमान है।
माॅ ज्वाल्पा देवी आप सभी पर कृपा बनाए रखे।

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