logo

लोकतंत्र में जनता के प्रतिनिधियों का VIP संस्कृति कितना जरूरी ?

मंत्री और नेताओं की VIP संस्कृति लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत मानी जाती है, जो आम जनता के साथ भेदभाव और असमानता को बढ़ाती है। लोकतंत्र का मूल उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार और सम्मान देना है, लेकिन VIP संस्कृति समाज में विशेषाधिकार, असमानता और आम व्यक्ति की उपेक्षा को बढ़ावा देती है।

VIP संस्कृति की वास्तविकता और आम जनता

VIP संस्कृति भारत में व्यापक है—अस्पताल, सड़क, धार्मिक स्थल, और सरकारी कार्यालयों में इसका स्पष्ट रूप से अनुभव होता है।
आम नागरिकों को VIP मूवमेंट के दौरान लंबा इंतजार, सेवाओं में देरी, या प्राथमिकता न मिलना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
VIP के लिए विशेष सुविधा जैसे रोड ब्लॉक, अलग लाइन, विशेष पास इत्यादि आमजन के साथ भेदभाव को स्थापित करती है।

लोकतंत्र पर प्रभाव

VIP संस्कृति लोकतंत्र की समानता, पारदर्शिता और निष्पक्षता की भावना को कमजोर करती है।
'जनता की सरकार, जनता द्वारा, और जनता के लिए' का आदर्श VIP संस्कृति के कारण कमज़ोर होता है, क्योंकि सत्ताधारी/नेता खुद को आमजन से ऊपर मानने लगते हैं।
यह संस्कृति पिछड़े, वंचित और आम नागरिकों की लोकतांत्रिक भागीदारी और आवाज़ को हाशिए पर डाल देती है।

VIP संस्कृति एक औपनिवेशिक या सामंती सोच का विस्तार है, जिसमें सत्ताधारी वर्ग विशेषाधिकार के रूप में अधिकारों और संसाधनों का उपभोग करते हैं।
यह समाज में ‘हम’ और ‘वो’ की खाई बढ़ाती है—यानी VIP और आम जनता के बीच।
VIP संस्कृति कभी-कभी प्रशासनिक अव्यवस्था या हादसों का कारण भी बनती है; जैसे, मेले या सार्वजनिक आयोजन में VIP मूवमेंट के कारण सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होने से दुर्घटनाएँ हुई हैं।

समाधान और सुझाव

VIP विशेषाधिकारों (जैसे रेल, मंदिर, अस्पताल, सड़क आदि में) में कटौती, और आम नागरिकों को प्राथमिकता देना।
सशक्त कानूनी और प्रशासनिक सुधार, जो नेताओं और अधिकारियों को लोकतंत्र के भीतर जवाबदेह बनाएं।
समाज में समानता और संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए नेताओं को मिसाल पेश करनी चाहिए, जैसे कुछ जिम्मेदार अधिकारी या नेता सार्वजनिक जगहों पर बिना विशेषाधिकार या सुरक्षा के जाते हैं।

संक्षेप में, VIP संस्कृति लोकतंत्र के खिलाफ है और समाज में असमानता, आक्रोश व उपेक्षा को बढ़ाती है; इसे सीमित तथा नियंत्रित करना आधुनिक, न्यायपूर्ण और संवेदनशील लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है
पुरुषोत्तम झा
पटना
On X {@pranamya_parash}

22
1968 views
1 comment  
  • Manish Kumar

    VIP कल्चर भारतीय राजनीति को मजाक बना दिया है , जिसको जरूरत नहीं है वो भी ।।।