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विद्या भारती ने स्वदेशी जागरण सप्ताह का शंखनाद

आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र स्वदेशी - राठौर अंता - विद्या भारती शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर स्वदेशी जागरण सप्ताह का शंखनाद उत्साह पूर्वक किया गया। विद्या भारती आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार रावल ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्या भारती के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार राठौर रहे। विशिष्ट अतिथि जिला सचिव राजेंद्र कुमार शर्मा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ देव चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वल के साथ हुआ। मंच के स्वागत परिचय के बाद मुख्य वक्ता राठौर ने स्वदेशी वर्तमान समय की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वभाषा भूषा स्वसंस्कार को अपनाकर हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं। स्वदेशी ही आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र है। समाज को दृष्टि देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जीवन भर स्वदेशी का पालन करते हुए राष्ट्र को नई दृष्टि दी है। समर्थ सक्षम संपन्न समाज के लिए स्वदेशी का भाव आवश्यक है। भारत को जग सिर मोर बनाने के लिए हमें भी अपने महापुरुषों से प्रेरणा लेकर हमारे तीज त्यौहार जन्मदिन स्वदेशी भाव के साथ मनाना चाहिए। जिला सचिव ने सभी ने स्वदेशी दीपावली मनाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर स्वदेशी विदेशी वस्तुओं की सामग्री का विमोचन किया गया।स्वदेशी सप्ताह का समापन गांधी जयंती को होगा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। अंता - विद्या भारती शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर स्वदेशी जागरण सप्ताह का शंखनाद उत्साह पूर्वक किया गया। विद्या भारती आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार रावल ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्या भारती के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार राठौर रहे। विशिष्ट अतिथि जिला सचिव राजेंद्र कुमार शर्मा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ देव चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वल के साथ हुआ। मंच के स्वागत परिचय के बाद मुख्य वक्ता राठौर ने स्वदेशी वर्तमान समय की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वभाषा भूषा स्वसंस्कार को अपनाकर हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं। स्वदेशी ही आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र है। समाज को दृष्टि देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जीवन भर स्वदेशी का पालन करते हुए राष्ट्र को नई दृष्टि दी है। समर्थ सक्षम संपन्न समाज के लिए स्वदेशी का भाव आवश्यक है। भारत को जग सिर मोर बनाने के लिए हमें भी अपने महापुरुषों से प्रेरणा लेकर हमारे तीज त्यौहार जन्मदिन स्वदेशी भाव के साथ मनाना चाहिए। जिला सचिव ने सभी ने स्वदेशी दीपावली मनाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर स्वदेशी विदेशी वस्तुओं की सामग्री का विमोचन किया गया।स्वदेशी सप्ताह का समापन गांधी जयंती को होगा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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