
जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी में अहिंदीभाषी विद्यार्थियों ने हिंदी पत्र लेखन से रचा इतिहास
जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी में अनोखा आयोजन – केरल से आए नौनिहालों ने हिंदी में लिखे दिल छू लेने वाले पत्र
वारासिवनी (बालाघाट)।
“भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने का माध्यम है।” इस सत्य को साकार कर दिखाया है जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी के विद्यार्थियों ने। यहाँ केरल से आए अहिंदीभाषी नौनिहालों ने हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लेकर ऐसा इतिहास रच दिया, जिसकी गूंज लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
भारत सरकार की माइग्रेशन योजना के अंतर्गत हर वर्ष देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों का आदान-प्रदान होता है। इसी योजना के तहत केरल के पथानमथिट्टा जिले से आए विद्यार्थियों ने बालाघाट की धरती पर न केवल यहाँ की बोली-बानी को अपनाया, बल्कि हिंदी पत्र लेखन में अपनी अनूठी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सबको चकित कर दिया।
पत्रों में झलकी संस्कृति और आत्मीयता
विद्यार्थियों ने अपने पत्रों में मित्रता, परिवार, शिक्षा, संस्कृति और यहाँ के अनुभवों को हिंदी में अभिव्यक्त किया। कई पत्र इतने भावपूर्ण थे कि पढ़कर शिक्षकों की आँखें नम हो गईं। इन नौनिहालों ने यह साबित कर दिया कि चाहे कोई भी राज्य या भाषा हो, हिंदी सभी को जोड़ने वाली सेतु भाषा है।
शिक्षकों ने बांधा छात्रों का हौसला
विद्यालय के प्राचार्य श्री रणवीर सिंह ने बताया –
“माइग्रेशन योजना का मुख्य उद्देश्य केवल भाषा सिखाना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को विविध संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है। हमारे विद्यार्थी इस मिशन में शानदार सफलता हासिल कर रहे हैं।”
मलयाली शिक्षिका श्रीमती बीना के ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा –
“मैंने यहाँ आकर महसूस किया कि हिंदी कितनी सरल और सहज भाषा है।”
वहीं शिक्षिका अभिरामी के आर भावुक होकर बोलीं –
“जब मैं वारासिवनी आई थी, तब टूटी-फूटी हिंदी बोलती थी। लेकिन आज मैं गर्व से कह सकती हूँ कि हिंदी मेरी आत्मा से जुड़ गई है।”
प्रतियोगिता में चमके ये विद्यार्थी
हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थी थे –
अर्जुनराज, आशना शिबू, अबिन एस जोश, अद्वैथा ए के, अक्षत कुमार, श्रेया सिजील, अभिजीत ए एस, देवआनंदना ए एस, अम्बादी ए एस, अनोखी कुरियाकोश, गोकुल वी आई नायर, श्रिजीत के एस, अनगा मोल पी आर, अभिषेक सुरेश, निखिल आर, सानिया सिजू और आस्वती प्रवीन।
इन सभी विद्यार्थियों ने हिंदी के प्रति अपनी निष्ठा और लगाव दिखाकर विद्यालय व जिले का मान बढ़ाया।
शिक्षकों की भूमिका रही अहम
इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक बी. आर. पटेल के मार्गदर्शन में हिंदी शिक्षक दीपेश जैन, यशोधरा सिंह, डॉ. वि. सिंह एवं आयाज़ अंसारी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।
आयोजन बना प्रेरणा का स्रोत
यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम, आत्मीयता और गर्व को जगाने वाला रहा, बल्कि यह भी साबित कर गया कि हिंदी सचमुच में राष्ट्र की आत्मा है, जो भौगोलिक दूरी और भाषायी विविधता को मिटाकर सबको एक सूत्र में पिरोती है।
यह खबर न सिर्फ नवोदय विद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों को गर्व से भर देगी बल्कि पाठकों को भी हिंदी की शक्ति और भारतीय संस्कृति की समृद्धता का एहसास कराएगी।