पद और रूप का मिलन, बलि का बकरा ईमानदारी
एक के पास पद,BSA ( अखिलेश सिंह)
एक के पास रूप,सहायक अध्यापिका
और बलि का बकरा बना एक जिम्मेदार प्रधानाध्यापक जो अपना कर्तव्य निर्वहन ईमानदारी से कर रहा था.....
बड़ा पद,बड़ी जाति, सब मिलाकर गाज गिरेगी प्रधानाध्यापक जी के ऊपर ही
अगर ईमानदारी का ऐसा ही फल मिलेगा तो फिर ये शब्द किताबों में ही रह जाएगा..वास्तविक दुनिया में ढूंढे न मिलेगा
असली शोषण और असली चोरी तो बड़े पदों पर बैठे लोग कर रहे हैं,,पीस छोटा कर्मचारी ,और आम आदमी.....