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*सहारनपुर में फिर पोस्टरबाज़ी, प्रशासन की निष्पक्षता पर उठे सवाल* *सहारनपुर में युवक हिरासत में… क्या नबी का नाम लेना गुनाह है?*

* पंकज कुमार की रिपोर्ट*

सहारनपुर । इन दिनों शहर में “आई लव महादेव” और “I Love Muhammad” को लेकर पोस्टरबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताज़ा मामला सामने आया जामा मस्जिद का, जहां जुमे की नमाज़ के बाद एक मुस्लिम युवक ने मस्जिद से निकलते ही “I Love Muhammad” का पोस्टर दिखाया और अल्लाहु अकबर के नारे लगाने लगा। मौके पर पहले से तैनात पुलिस ने एहतियातन उसे हिरासत में ले लिया और थाने ले गई।
*लेकिन इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, क्या धार्मिक नारे लगाने का हक सिर्फ एक ही समुदाय को है?*
स्थानीय लोगों का कहना है कि जगह–जगह सड़कों पर जय श्रीराम के नारे लगाए जाते हैं, यहाँ तक कि मस्जिद के सामने खड़े होकर भी ये नारे लगाए जाते हैं, लेकिन उस पर पुलिस प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जुर्म सिर्फ एक ही समुदाय का माना जाएगा?
*आख़िर कब तक ये, हिंदू–मुस्लिम मुद्दे हमारे देश को बांटते और खोखला करते रहेंगे?*
क्या सिर्फ “I Love Muhammad” कह देने से किसी को परेशानी हो सकती है? अगर कोई मुस्लिम अपने नबी या अल्लाह का नाम लेता है, तो क्या वो गलत है?
यह घटना समाज में समानता और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर एक गहरी बहस को जन्म देती है। ज़रूरत है सोचने कि...कि हम एक-दूसरे की आस्थाओं का सम्मान कब करना सीखेंगे।

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