पर्यटन एवं तीर्थ का महत्व ( विश्व पर्यटन दिवस - 27 सितंबर )
पर्यटन एवं तीर्थ - राजू गजभिये (सीताराम)
(प्रणाम पर्यटन हिंदी पत्रिका)
पर्यटन हजारो सालों से मानव को आध्यात्मिक , मानसिक शांति , प्रकृति का सौंदर्य का आनंद , रहस्य , इतिहास , विभिन्न संस्कृतियों का शोध और सबसे महत्वपूर्ण हमारा शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता हैं । अनेक विभिन्न पंरपराओं के लोगों से मिलते हैं , जो हमें विचारों का आदान-प्रदान होता हैं , दृष्टिकोण को विस्तारित करता हैं ।
पर्यटन भारत के समृ़द्ध और वैभवशाली इतिहास , संस्कृति और विविधता को
प्रदर्शित करने का एक अद्धुत माध्यम हैं । इसके भव्य स्मारक दुनिया भर से
बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं , प्राकृतिक परिवेश ,
स्थापत्य कला की उत्कृष्ट कृर्तियाँ , संगीत , नृत्य , चित्रकला ,
रिति-रिवाज़ और भाषाएँ , ये सभी भारत को एक पर्यटन स्वर्ग बनाते हैं ।
भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख अभरता क्षेत्रों में से एक पर्यटक गंतव्य के
रुप में समझने में मदद करेगा । पर्यटन से उद्योग आर्थिक विकास मंे भी
योगदान देता हैं , जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं ।
पर्यटन का महत्व घुमक्कडी आनंद में हैं , उत्साह , उमंग एवं मौज में भी
बहुत हैं । हम प्रकृति का नज़ारा प्रत्यक्ष अपने आँखो से देखते हैं । ज्ञान
, आध्यात्मक , भक्ति - शक्ति सबसे महत्व पूर्ण हैं , हमें
तीर्थ का भी महत्व रखकर पर्यटन करना हैं । श्रद्धा , भक्ति और विश्वास से
विभिन्न समूदाय के तीर्थ
एवं पर्यटन हैं । हम आस्था से तीर्थ पर्यटन करते हैं । आनंद प्राप्ति और
जिज्ञासा पूर्ति के पर्यटन करना उत्तम मार्ग हैं । तीर्थ व पर्यटन से सुख
है , बहूत भारी भरकम चिंताओं को दूर करता हैं । जो भी
पर्यटन में रहता हैं अपनी सभी समस्याओं से मुक्त होकर आनंदमय जीवन जीता हैं
। हमें देश-विदेश के खान - पान , रहन-सहन तथा सभ्यता - संस्कृति की जानकारी
मिलती हैं । हमारे ज्ञान में विकसित होता हैं । प्रत्यक्ष ज्ञान बहुत
प्रभावी होता हैं । गुगल , पुस्तक से ज्ञान मिलता ही हैं , लेकिन प्रभावी
ज्ञान प्रत्यक्ष ही हैं । हमारे मन में बैठे हुए कुछ अंधविश्वास टूटते हैं
। विश्व में सभी मानव प्रकृति , ज्ञान-विज्ञान , शोध मंथन मूल रुप से एक ही
हैं । मन करुणा , शांति , उदार एवं दानशीलता बढ़ती हैं । संपूर्ण विश्व
अपना-सा प्रतीत होता हैं । राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान हैं ।
आज के संचार एवं विज्ञान युग में पर्यटन महत्वपूणर्् उद्योग का रुप धारण कर
चुका हैं । जहाँ-जहाँ पर्वतीय स्थल है वहाँ स्थलों की अर्थ व्यवस्था पर्यटन
पर आधारित हैं । ऐसे जगह विश्व भर से पर्यटक आते हैं और भरपूर आनंद के साथ
अपनी कमाई खर्च करते हैं । पर्यटक स्थल फलते-फूलते हैं । वहाँ के लोगों को
आजीविका का साधन मिलता हैं ।
पर्यटन स्थल अनेक प्रकार के हैं । कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात
हैं । जैसे प्रसि़द्ध पर्वत -चोटियाँ , समुद्र - तल , वन - उपवन । कुछ
पर्यटन तीर्थ स्थल धर्मिक महत्व के हैं । कुछ पर्यटन स्थल इतिहास के महत्व
के हैं । कुछ पर्यटन स्थल वैज्ञानिक व सांस्कृतिक धरोहर महत्व रखते हैं ।
आजकल सभी जगहांे पर भीड़ हैं , लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य तथा धार्मिक महत्व
के पर्यटन स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ रहती है ।
भारत ने अपनी समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण विश्व पर्यटन
मानचित्र पर अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। भारत में पर्यटन तीसरा सबसे बड़ा
उद्योग है जिसमें लगभग एक करोड़ लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत
हैं। इसकी पर्यटक-अनुकूल परंपराएँ, विविध जीवन-शैलियाँ, सांस्कृतिक विरासत,
रंग-बिरंगे मेले और त्यौहार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। प्राचीन
काल से ही भारत के विभिन्न भागों में शासकों ने आलीशान महल, अद्भुत मंदिर,
सदाबहार उद्यान, ऊँचे किले और मकबरे बनवाए। भारत पर्यटन के लिए प्राकृतिक
और सांस्कृतिक परिदृश्यों से अत्यंत समृद्ध है। सुंदर समुद्र तट, वन्य
जीवन, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बर्फ की चादर, नदियाँ, पर्वत शिखर, तकनीकी पार्क
और तीर्थस्थल भारत के कुछ पर्यटक आकर्षण हैं। हेरिटेज ट्रेनें, योग, ध्यान,
आयुर्वेद, सिद्ध और प्राकृतिक स्वास्थ्य रिसॉर्ट भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक स्थलों की सुंदरता भारत को पर्यटकों के लिए
स्वर्ग बनाती है। हम अपने मेहमानों का सम्मान करते हैं और उन्हें भगवान
मानते हैं। इसीलिए हमने एक सांस्कृतिक परंपरा विकसित की है जहाँ श्अतिथि
देवो भवश् (अतिथि भगवान है) की भावना है। भारत अध्यात्म का केंद्र है।
आध्यात्मिक स्थल बड़ी संख्या में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भारत
की ओर आकर्षित कर रहे हैं। भारतीय हस्तशिल्प, विशेष रूप से आभूषण, कालीन,
चमड़े के सामान और पीतल के काम, विदेशी पर्यटकों के लिए खरीदारी की मुख्य वस्तुएँ हैं।
पर्यटन के लाभ -
वैश्वीकरण के युग में, यात्रा और पर्यटन गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि
हुई है। पर्यटन को बढ़ावा देने से न केवल रोजगार सृजित होते हैं, निर्यात
बढ़ता है और दुनिया भर में समृद्धि आती है, बल्कि कई अमूर्त लाभ भी प्राप्त
होते हैं। यह एक सांस्कृतिक बंधन का काम करता है जिसे वैश्विक शांति और
अखंडता के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह
दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों को अपनी संस्कृति और मानदंडों को बढ़ावा
देने में भी मदद करता है और किसी देश को अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक
विरासत के विभिन्न पहलुओं को दुनिया भर में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान
करता है। पर्यटन देशों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और
संवर्धन के लिए भी प्रोत्साहन प्रदान करता है। यह पुरातात्विक और ऐतिहासिक
स्थलों के संरक्षण की लागत को पूरा करने और इन स्थलों के क्षरण या लुप्त
होने को रोकने में मदद कर सकता है।
पर्यटन गतिविधियों को आर्थिक विकास के प्रमुख स्रोतों में से एक माना जाता
है। इसे औपचारिक और अनौपचारिक, दोनों क्षेत्रों में रोजगार और आय सृजन का
एक माध्यम माना जा सकता है। पर्यटन के तेज विकास से घरेलू आय और सरकारी
राजस्व में वृद्धि होती है। केंद्र और राज्य सरकारें भारत में पर्यटन को
बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही हैं।
पर्यटन उद्योग में अच्छी वृद्धि हुई हैं । भारत देश की प्राकृतिक और
सांस्कृतिक विविधता के कारण , पर्यटन क्षेत्र में अपार विस्तार की
संभावनाएँ है । पर्यटन की अनेक चुनौतियाँ , विकास कार्य और उसका समाधान कर भविष्य में पर्यटन को आकार देगें ।
विश्व पर्यटन दिवस आज तकनीक से संपूर्ण सुविधाओं से परिपूर्ण हो गया हैं । लेकिन सावधानी भी रखना जरूरी हो गया हैं । आजकल तकनीकी से तुरंत जानकारी हासिल कर लेते हैं । एप गाईड , बेबसाइट माध्यम से फ्लाईट , रेल , बस एवं सभी माध्यम की जानकारी मिल जाती है।
महत्वपूर्ण एप्स - ट्रेवल एप्प , एआए और वीआर , कॉन्टैक्ट लेंस चेक इन , एआई चैटबाईटस , कांटैक्टलेस पेमेंट , युनिवर्सल ट्रेवल एडाप्टर , पोर्टलबल पावरबैंक , फारेक्स कार्ड , हेडफोन , ई-रिडर एवं पोर्टबल वाटर प्युरीफायर । India tourist place & Tourist new app.