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बीजेपी के शासन में आईसीयू से वेंटिलेटर पर पहुंची दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था-देवेन्द्र यादव

नई दिल्ली, 26 सितंबर, 2025 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सिर्फ अपने केन्द्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए नई नई योजना की घोषणा कर रही है परंतु दिल्ली वासियों मूल जरुरत स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने पर कोई ध्यान नही दे रही है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों सहित दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों में मरीजों को व्यवस्थाओं की कमी के कारण विभिन्न समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। हिन्दूराव अस्पताल, बालक राम अस्पताल, स्वामी दयानन्द अस्पताल में दवाओं की कमी के कारण मरीजों को बाहर से ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ रहे है। सरकार के अस्पतालों में मरीजों की जेब पर इलाज का खर्च भारी पड़ रहा है।


श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा शासित निगम के अस्पतालों में व्यवस्था इतनी चरमराई हुई है कि बीपी, एंटीबायटिक, हृदय रोग जैसे रोगों की दवाएं तक नही मिल रही है। लंबी-लंबी लाईनों में लगने के बाद मरीज को डाक्टर दवाई तो लिखकर दे रहे है लेकिन अस्पताल में दवाई उपलब्ध नही है। मरीजों को बाहर से दवाई खरीदनी पड़ रही है। मानसून के बाद गंदगी और जल जनित बीमारियों डेंगू, मलेरिया के केस बढ़ रहे है लेकिन यहां मरीजों के इलाज का कोई खास इंतजाम नही है। दिल्ली के इन अस्पतालों मे मरीज कई महीनों से दवाओं की कमी से जूझ रहे है, केवल एक या दो दवाएं ही मिलती है और महंगी दवाई मरीजों को दोगुने दामों में खरीदनी पड़ रही है। सूत्रां के अनुसार निगम अस्पतालों में यह स्थिति पिछले चार महीनों से बनी हुई है।


श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि मरीजों की शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नही हुई है। अस्पतालों में दवाई वितरण केन्द्रों में भारी अव्यवस्था है, काउंटर अचानक बंद करने मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। निगम के अस्पतालों के साथ-साथ डिस्पेंसरियां की स्थिति भी खराब है। स्वास्थ्य संबधी व्यवस्थाओं की हालत बदतर होने के साथ इनकी इमारतों की जर्जर हालत, खराब बुनियादी ढ़ांचे, कर्मचारियों की अनुपलब्धता और मशीनां के खरब होने जैसी समस्याएं भी शामिल है। कुछ अस्पताल तो खतरनाक घोषित होने के बावजूद संचालित हो रहे है। यही नही दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत सफाई अभियान की निगम अस्पतालों में गंदगी के ढ़ेर पड़े है।


श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि निगम अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सो, अन्य कर्मचारियों की भारी कमी है, रेडियोलॉजी की ज्यादातर मशीने खराब है, लैब बंद रहते है, टेस्टों के लिए मरीजों को घंटे इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। भारी फंड की कमी के कारण निगम अस्पतालों में व्यवस्था ध्वस्त है और दवाई, टेस्ट और कर्मचारियों की भारी कमी से मरीजों को जूझना पड़ रहा है। प्रशासन निगम अस्पतालों में शिकायत के बाद दवाएं उपलब्ध कराने के लिए उचित कार्यवाही करने का आश्वासन तो दे रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार की गिरफ्त में निगम फंड की कमी के कारण दिल्ली के लोगों को परेशानी और व्यवस्था की खस्ताहाल और बदहाली को सुधारने के लिए कोई काम नही कर रहे है।

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